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भोपाल। मध्य प्रदेश में शिक्षक वर्ग तीन परीक्षा के प्रश्नपत्र का स्क्रीन शॉट वायरल होने के मामले में कांग्रेस नेता केके मिश्रा और व्यापमं के व्हिसिल ब्लोअर एवं स्वास्थ्य एक्टिविस्ट डॉ. आनंद राय के खिलाफ अजाक थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस इस कार्रवाई की आलोचना कर रही हैं और सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालों को दवाने का आरोप लगा रही है।
पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे" यह कहावत मप्र में चरितार्थ हो रही है, शिक्षक वर्ग 3 का पेपर लीक होता है और एफआईआर दर्ज होती है केके मिश्रा एवं डॉ.आनंद राय के खिलाफ। उन्होंने कहा कि मुझे सरकार से उम्मीद थी जिन्होंने गड़बड़ी कर लाखों युवाओं का भविष्य चौपट किया गया उन पर एफआईआर होगी, मगर भ्रष्टाचारियों को तो सरकार का संरक्षण है, इसीलिए व्यापमं घोटाले की आवाज़ उठाने वालों पर एफआईआर करवा रही है, क्योंकि इन दोनों ने व्यापमं महाघोटाले में कई वर्षों से लंबी लड़ाई लड़ी है, सरकार दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करे न कि आवाज़ उठाने वालों के खिलाफ ।
बता दें कि मध्य प्रदेश में शिक्षक वर्ग तीन परीक्षा के प्रश्नपत्र का स्क्रीन शॉट वायरल होने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में कांग्रेस नेता केके मिश्रा और व्यापमं के व्हिसिल ब्लोअर एवं स्वास्थ्य एक्टिविस्ट डॉ. आनंद राय के खिलाफ मुख्यमंत्री सचिवालय में उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम ने रविवार को राजधानी भोपाल के अजाक थाना पुलिस ने जालसाजी और एट्रोसिटी एक्ट के समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करवाई है। मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ उपसचिव लक्ष्मण सिंह ने शिकायत की थी कि डॉ. आनंद राय ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम पर किसी लक्ष्मण सिंह नामक युवक के मोबाइल फोन के स्क्रीन शाट फोटो अपलोड किए थे। उप सचिव ने पुलिस को बताया कि उनके खिलाफ साजिश रचकर डॉ. आनंद राय और प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री केके मिश्रा उनको अनुसूचित जनजाति वर्ग का जानते हुए झूठी और मिथ्या सूचना प्रकाशित की।
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