
Dakhal News

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़े जाने के लिए आयोजित कार्यक्रम पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में निरंतर सामने आ रहे घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों से ध्यान हटाने के लिए शिवराज सरकार ने यह “चीता इवेंट” आयोजित किया है। शनिवार को एक बयान में कमलनाथ ने कहा कि चीते साधारण तरीक़े से भी छोड़े जा सकते थे, लेकिन तीन लाख करोड़ के कर्जदार प्रदेश में चीता छोड़ने के लिए भी लाखों-करोड़ों खर्च कर एक मेगा इवेंट आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि जिस श्योपुर जिले के कूनो अभयारण्य में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ, वह देश में कुपोषण के मामले में वर्षों से शीर्ष पर है। प्रदेश में कुपोषण के बढ़ते आंकड़ों के बीच पोषण आहार घोटाला भी सामने आया है, लेकिन सरकार को उसकी चिंता नहीं है। सरकार को करोड़ों खर्च कर मेगा इवेंट करना है। कमलनाथ ने यह भी बताया कि भारत में चीते लाने की परियोजना की परिकल्पना मनमोहन सिंह सरकार के समय बनी थी। तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश के कार्यकाल में वर्ष 2008-09 में इसका प्रोजेक्ट तैयार हुआ था और इसकी प्रक्रिया शुरू हुई थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई थी और नामीबिया से बातचीत प्रारंभ हुई थी। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 में इसकी अनुमति दी, लेकिन भाजपा की तो शुरू से ही आदत है कि वह कांग्रेस सरकारों के समय किए गए कामों का भी झूठा श्रेय खुद लेती है।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर अभयारण्य में गुजरात के गिर राष्ट्रीय पार्क से एशियाई शेरों को लाने को लेकर मध्य प्रदेश सरकार वर्षों से सिर्फ़ दावे ही कर रही है। करीब 9 वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट भी गुजरात सरकार को शेर देने का आदेश दे चुका है। इसके बावजूद मध्य प्रदेश सरकार आज तक गुजरात से इन शेरों को नहीं ला सकी है। इसके पीछे शिवराज सरकार की इच्छाशक्ति का अभाव है।
Dakhal News
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By:
![]() |