बांधवगढ़ की बाघिन तारा ने दिया 4 शावकों को जन्म
bhopal, Bandhavgarh

भोपाल। टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मध्यप्रदेश में एक बार फिर बाघों की संख्या में हुआ है। प्रदेश का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अपनी सघनता और सहजता से बाघ दर्शन के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ की 'बाघिन तारा' पर्यटकों के लिए आँख का तारा बनी हुई है। हाल ही में बाघिन 'तारा' ने 4 शावकों को जन्म दिया है।

 

जनसम्पर्क अधिकारी गजेन्द्र द्विवेदी ने सोमवार को बताया कि 'तारा' बाघिन अपने 4 नवजात शावकों के साथ अठखेलियाँ करती पर्यटकों आकर्षण का केन्द्र बन चुकी है। सोमवार को ही इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें तारा बाघिन अपने शावकों के साथ पानी में ठखेलियां करती देखी गई। तारा ने रिजर्व क्षेत्र के खितौली गेट के पास डमडमा नाले और उसके आस-पास अपनी टेरिटरी बना रखी है। 'तारा' ने पहले 3 शावकों को जन्म दिया था, जिन्हें बाघ ने मार दिया था।

 

बाघिनों ने अपने-अपने समय पर बाँधवगढ़ को बाघों के गढ़ के रूप में दुनिया भर में प्रसिद्धि दिलाई है। बाँधवगढ़ की स्थापना से लेकर अब तक बाघिन सीता, पुरानी चक्रधरा, झोरझरा, लंगड़ी, कनकटी, पटिहा, राजबहेरा, सोलो के बाद जूनियर कनकटी और अब 'तारा' बाघिन ने प्रसिद्धि की ऊँचाइयों को स्पर्श किया है। 'तारा' बाघिन पुरानी डमडमा की संतान है। लम्बी-चौड़ी कद-काठी और यूज-टू स्वभाव होने से 'तारा' की ओर पर्यटक बरबस ही खिंचे चले आते हैं।

 

मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की बाघिनों द्वारा की गई वंशावृद्धि का विशेष योगदान है। बांधवगढ़ में बाघों के प्रजनन, रहवास और भोजन के मामले में सबसे बेस्ट हैबिटेट मौजूद है। इसी वजह से बाघों की सबसे घनी आबादी यहीं देखी जा सकती है।

Dakhal News 9 May 2022

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