Dakhal News
21 November 2024
गूगल ने गुरुवार को अपना डूडल मलयाली लेखिका कमला सुरय्या को समर्पित किया है। उनका पूर्व नाम कमला दास था और आज ही के दिन उनकी आत्मकथा छपी थी। वो आत्मकथा जिसने पूरे पुरुष समाज को हिला कर रख दिया। 1984 में उन्हों नोबल पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया था।
एक साधारण जिंदगी जीने वाली कमला दास वैसे तो कम ही पहचानी जाती थी लेकिन जब उन्होंने कागज पर अपनी भावनाओं को उतारा तो दुनिया के लिए प्रेरणा बन गईं। 1934 में केरल में जन्मी कमला ने काफी कम उम्र में कविताएं लिखना शुरू किया था। उन्हें यह विरासत में मिला था क्योंकि उनकी मां भी एक अच्छी कवियित्री थीं।
कमला ने अपनी जिंदगी के ऊपर एक किताब लिखी जिसका नाम ता माई स्टोरी। उनकी इस आत्मकथा ने पुरुष समाज को हिलाकर रख दिया था। अपनी छवि के विपरीत उन्होंने जो आत्मकथा लिखी थी उसमें उन्होंने बड़ी ही बेबाकी से एक औरत की भावनाओं को व्यक्त किया था और इसके चलते कुछ लोगों ने उनकी लेखनी को गलत भी ठहराया।उनकी इस आत्मकथा ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याती दिलाई थी।
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1 February 2018
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