Patrakar Priyanshi Chaturvedi
दैनिक भास्कर, रायपुर को 1985 में कांग्रेस द्वारा प्रेस लगाने के लिए (अविभाजित मध्य प्रदेश में) पट्टे पर दी गई ज़मीन को छत्तीसगढ़ प्रशासन ने शुक्रवार 7 जुलाई के एक शासनादेश के माध्यम से रद्द कर के उस पर प्रशासनिक कब्ज़े का आदेश दे दिया है। ज़मीन का कुल आकार 45725 वर्गफुट और अतिरिक्त 9212 वर्ग फुट है यानी कुल करीब 5000 वर्ग मीटर है। नजूल की यह ज़मीन रायपुर भास्कर को प्रेस लगाने के लिए इस शर्त पर कांग्रेस शासन द्वारा दी गई थी कि संस्थान अगर प्रेस लगाने के विशिष्ट प्रयोजन से मिली ज़मीन को किसी और प्रयोजन के लिए इस्तेमाल करेगा तो शासन उसे वापस ले लेगा। इस ज़मीन का पट्टा 31 मार्च 2015 को समाप्त हो चुका था और दैनिक भास्कर ने इसके नवीनीकरण के लिए अग्रिम आवेदन किया था।
छत्तीसगढ़ सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 7 जुलाई को जारी आदेश कहता है कि कलेक्टर रायपुर से प्राप्त स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन में पाया गया है कि ”उक्त भूमि पर 7 मंजिला पक्का व्यावसायिक कांपलेक्स बनाया गया है तथा प्रत्येक मंजिल पर प्रेस स्थापना से भिन्न अन्य व्यावसायिक प्रयोजन के लिए भूमि का उपयोग किया जा रहा है।” इसके बाद शासन ने कई बार अख़बार से इस संबंध में जवाब मांगा लेकिन अखबार प्रबंधन ने जवाब देने के लिए लगातार वक्त मांगा और जवाब दाखिल नहीं किया।
आदेश कहता है, ”तदनुसार उक्त भूमियों पर निर्मित परिसंपत्तियों को निर्माण सहित नियमानुसार राजसात कर बेदखली की कार्यवाही करने हेतु कलेक्टर, रायपुर को आदेशित किया जाता है।” आदेश की प्रति प्रधान संपादक, दैनिक भास्कर, रायपुर को भी भेजी गई है। सवाल है कि रमन सिंह किस बात पर बिफर गए हैं कि उन्होंने रायपुर से दैनिक भास्कर का डेरा-डंडा ही उखाड़ने का आदेश दे डाला? सवाल यह भी उठता है कि करीब तीन दशक से रायपुर शहर के भीतर अपना धंधा चला रहा यह अख़बार अब क्या करेगा?(साभार- मीडिया विजिल)
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