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समय के साथ लेखक का मिजाज भी बदलता है।लेकिन कलम की जगह की बोर्ड आने से सरकारों में कोई बदलाव नहीं आता। पुलिस वाला और इश्क की बातें मोहब्बत की महक और न जाने क्या क्या समीर यादव को लेकर कहा जा सकता है। लेकिन सच यही है कि कई मर्तबा खाकी वर्दी के पीछे धड़कता दिल भी बच्चे सा मचल जाता है और उसके भीतर का शब्दों के मोती पिरोने लगता है। भोपाल के एडिशल एसपी समीर यादव के साथ भी ऐसा ही हुआ तो उन्होंने व्हाट्स-एपिया रोमांस की रचना कर दी। किताब का विमोचन हुआ तो खाकी की संजीदगी भी लोगों के समझ में आयी।
रविवार को रवींद्र भवन स्थित सवराज सभागार में भोपाल में पदस्थ एडिशनल एस. पी. समीर यादव द्वारा लिखित ''व्हाट्स-एपिया रोमांस" पुस्तक का विमोचन हुआ । मंच पर डा.राय बहादुर, नुसरत महंदी, पंकज सुधीर, ज़हीर कुरेशी, हना कास्मी, अशोक कुमार पांडे उपस्थित थे।
लोकायुक्त एस.पी राजेश कुमार मिश्र ने मंच का संचालन बहुत उम्दा अंदाज़ मे शेर शायरी के लहजे मे लफ़्ज़ ब लफ़्ज़ बखूबी किया। जिस तरह साहित्यकार बुद्धिजीवी सितारों कि महफिल सजी थी उसी अंदाज़े लुत्फ के साथ राजेश कुमार मिश्र माईक हाथ मे लेकर संचालन कर रहे थे। शहर का साहित्य व कलम का मुरीद मजमा वहां मौजूद था। साईड मे पत्रकार साहित्यकार बंधुओ के कुर्सियां शोभा बढ़ा रही थी। भोपाल के वर्तमान पुलिस अधिकारी एस.पी. नार्थ अरविन्द सक्सेना ,एसपी.साउथ अंशुमान सिंह ,एड.एसपी राजेश चंदेल,राजेश भदौरिया सहित समीर यादव के तमाम चाहने वाले भागभाग ज़िन्दगी से वक़्त निकाल कर अपने साथी का हौंसला बढ़ाने व बधाई देने थोड़ी देर के लिय सही लेकिन जरुर पहुंचे।
समीर की इस किताब के बारे में पल्लवी त्रिवेदी लिखती हैं -मुहब्बत का इज़हार, मुहब्बत के पैग़ाम और मुहब्बत की वो हसीन तकरारें वक्त के साथ अपना तरीका बदल लिया करती हैं !! आज सोशल मीडिया के दौर में वाट्स एप पर मुहब्बतें परवान चढ़ रही हैं ! तकनीकी दौर की इस मुहब्बत को बड़ी खूबसूरत कहानियों में गूंथकर समीर ने वाट्स एपिया रोमांस की शक्ल में इस किताब में पेश किया है ! समीर प्रेम कहानियां लिखते हुए सबसे सहज होते हैं ! हमारी जिंदगियों में रोमांस के जो छोटे छोटे लम्हे बिखरे रहते हैं , उन्हें समीर बेहद संवेदनाओं के साथ अपनी कहानियों में उकेरते हैं ! उनकी अपनी एक ख़ास शैली है जिससे आज के आधुनिक युवा अपने आप को एकदम से कनेक्ट कर पाते हैं ! समीर की कहानियां दरअसल पारम्परिक कहानियां नहीं बल्कि दृश्यों का एक बड़ा खूबसूरत कोलाज होती हैं ! समीर के वाट्स एपिया रोमांस में प्रतीक्षा हैं , तड़प है , चहकते इमोजीज़ हैं , इकरार है, इज़हार है , रूठना मनाना है और मुहब्बत के नीले हरे रंग हैं गोया मोबाइल की स्क्रीन एक चमकीला आसमान हो और उसमे मुहब्बत के परिंदे उड़ान भरते हों ! समीर की कहानियों की जो सबसे लाजवाब बात मुझे नज़र आती है वो रिश्तों के जटिल धागों की बुनावट को इस कदर सरलता से प्रस्तुत करते हैं कि हर पाठक कहीं न कहीं उन रिश्तों को जीने लगता है ! कथा का घटना क्रम हमें हमारी जिंदगी से रूबरू कराता हुआ दिखाई देता है ! सर्वथा मौलिकता के साथ कही गयी ये छोटी छोटी कहानियां हम सभी की कहानियां हैं ! इन कहानियों के चरित्र हमारे आसपास ही जी रहे हैं ! ये कहानियां हमारे ठीक बगल में उन स्क्रीनों पर घट रही हैं जिनके साथ हमारी स्क्रीन सेम सिग्नल शेयर कर रही हैं !
कुछ अलग प्रकार की पुस्तकों को शिवना प्रकाशन से प्रकाशित करने की योजना के तहत यह पुस्तक आई है। प्रेम के नये रूप का प्रस्तुत करती हुई इन कहानियों में समीर यादव के तजुर्बे की झलक साफ़ साफ़ नजर आती है । इन कहानियों में नये युग का प्रेम है इसलिए इसका नाम 'व्हाट्स-एपिया रोमांस' व्हाट्स ऐप पर जन्म लेनी वाली प्रेम कहानियाँ। लेकिन इन कहानियों में भी वही बेकरारी है, वही इंतज़ार है जो प्रेम में हमेशा से रहता है।
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