Patrakar Priyanshi Chaturvedi
समाचार पत्र संग्रहालय में नितिन मेहता कक्ष का लोकार्पण
हम हमारे अतीत और जड़ों से जुड़े रहें तो हमारी तरक्की के रास्ते हमेशा ही खुले रहते हैं। एक स्वस्थ और जागृत समाज को अपना इतिहास कभी नहीं भूलना चाहिए। इस आशय के विचार शुक्रवार को माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान में सुनाई दिए। मौका था खड़ी बोली हिन्दी के निर्माता भारतेंदु हरिश्चंद्र की जयंती के अवसर पर आयोजित वरेण्य पत्रकार नितिन मेहता की स्मृति में स्थापित कक्ष के लोकार्पण का। इस अवसर पर प्रमुख सचिव जनसंपर्क एस.के. मिश्र तथा आयुक्त जनसंपर्क श्री अनुपम राजन, श्री नितिन मेहता के सुपुत्र डॉ. राजेश मेहता मौजूद थे।
प्रमुख सचिव मिश्रा ने कहा कि इस संग्रहालय में आने पर किसी तीर्थ स्थल पर आने का अहसास होता है। यहां जो सामग्री संग्रहणीय है वह हमें हमारे अतीत की याद दिलाती है। उन्होंने युवा पीढ़ी को संग्रहालय से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेने का सुझाव भी दिया।
आयुक्त जनसंपर्क अनुपम राजन ने कहा कि तरक्की के लिए हमारा इतिहास से भी जुड़े रहना जरूरी है। श्री राजन ने संग्रहालय द्वारा किए जा रहे कार्यो को स्तुत्य बताया। दोनों ही अतिथियों ने संग्रहालय के विकास में शासन की ओर से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
आरंभ में अतिथियों ने नवनिर्मित कक्ष का लोकार्पण करने के बाद अवलोकन भी किया। संग्रहालय के संस्थापक निदेशक पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर ने संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। निदेशक डॉ. मंगला अनुजा तथा विवेक श्रीधर ने अतिथियों का स्वागत् किया। आभार प्रदर्शन जनसंपर्क संचालक अनिल माथुर ने किया। कार्यक्रम में अपर संचालक जनसंपर्क सुरेश गुप्ता, साहित्यकार युगेश शर्मा, वसंत निरगुणे, दीपक पगारे, प्रकाश साकल्ले, शिवकुमार अवस्थी, डॉ रत्नेश आदि उपस्थित थे।
नितिन मेहता कक्ष में इतिहास के गवाह विभिन्न कालखंडों के रेडियो,दूसरे विश्व युद्ध में सेना के उपयोगी रहे ट्रांसमीटर, विभिन्न समय के कैमरे, गुजरे समय के टेलीफोन उपकरण के अलावा सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं संपादक डॉ. धर्मवीर भारती की पत्नी पुष्पा भारती द्वारा भेंट सामग्री, पुरातत्वविद् रायबहादुर हीरालाल का आठ दशक पुराना ग्रामोफोन तथा उनकी आवाज का संग्रह संग्रहीत है।
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