ईटीवी न्यूज को झटका, राकेश शुक्ला ने दिया इस्तीफा
rakesh shukla patrkar

 

ईटीवी छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार राकेश शुक्ला ने इस्तीफा दे दिया है। स्थानीय संपादक प्रियंका कौशल की तानाशाही से नाराज होकर उन्होंने चैनल हेड जगदीश चंद्रा को अपना इस्तीफा भेजा है।  राकेश लंबे समय से ईटीवी को अपनी सेवाएं दे रहे थे तथा ईटीवी के दिग्गज पत्रकारों में शुमार थे।  

 

ईटीवी के लिए कांकेर जिलें में पिछले 12 वर्षों से पत्रकारिता कर रहें राकेश शुक्ला ने  अपना इस्तीफा चैनल हेड को भेज दिया  बताया जा रहा है कि राकेश शुक्ला को ईटीवी के छत्तीसगढ़ संपादक प्रियंका कौशल और असाइनमेंट हैड मनोज साहू लंबे समय से प्रताड़ित कर रहे थे। इसके पहले ईटीवी छत्तीसगढ़ के संपादक प्रकाश चंद्र होता और ब्यूरों प्रमुख मनोज सिंह बघेल ने इस्तीफा दिया था।  जिसके बाद से लगातार ईटीवी के पत्रकारों ने अपना इस्तीफा देकर चैनल से दूरी बना ली। 

 

रायपुर ईटीवी में कंट्रोल रूम के प्रभारी शैलेष पाण्डेय,  वैभव शिव पाण्डेय, ईटीवी के स्टार रिपोर्टर रहे अवधेश मिश्रा तथा गौरव शुक्ला ने प्रताड़ना से तंग आकर अपना इस्तीफा दे दिया।  इस्तीफे का दौर यहीं नहीं रूका इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से बिलासपुर के रिपोर्टर प्रशांत सिंह और संवाददाता विशाल झा समेत दुर्ग के विनोद दुबे, भिलाई के नरेंद्र मार्कण्डे, जशपुर के पवन तिवारी, जांजगीर-चांपा के संजय मानिकपुरी ने इस्तीफा देकर ईटीवी को अलविदा कह दिया। 

 

नक्सल प्रभावित बस्तर इलाकें में ईटीवी के दंतेवाड़ा के आजाद सक्सेना, नारायणपुर के संवाददाता हरीश पारेख, सुकमा संवाददाता महेश राव, बीजापुर के संतोष तिवारी, कोंडागांव के प्रमोद निर्मल ने इस्तीफा दे दिया है।  इसमें बीजापुर के संतोष तिवारी को ईटीवी में वापस बुलाए जाने की खबर है। 

 

सूत्रों के मुताबिक इस्तीफे की शुरुआत ईटीवी के छत्तीसगढ़ संपादक प्रकाश चंद्र होता और ब्यूरो चीफ मनोज सिंह बघेल के द्वारा तब की गई जब उन्हें चैनल हेड जगदीश चंद्रा ने मौखिक रूप से इस्तीफा देने का फरमान सुना दिया था।  प्रकाश चंद्र होता की गलती ये थी कि उन्होंने ईटीवी के द्वारा घोषित  नीतियों का विरोध जताया था। इसके साथ ही बस्तर के संवाददाताओं को झीरम कांड के नक्सली जोड़ों के विवाह समारोह के कवरेज के बाद बिना कारण के हटाने से इंकार कर दिया था। 

 

चर्चा है कि पत्रकारों का इस्तीफा ईटीवी के खबर ही जीवन है के स्लोगन  से इतर सत्ताधारी पार्टी से सांठगाठ कर खबरों को दबाने को लेकर उपजा आक्रोश है। जनहित की खबरों को नहीं दिखाए जाने से नाराज होकर पत्रकारों ने अपना इस्तीफा दिया है। दिन रात चैनल को अपनी सेवाएं देने वाले पत्रकारों का लंबे समय से शोषण हो रहा है।  खबर है कि दूसरों के हक़ की लड़ाई लड़ने का दम्भ भरने वाले ईटीवी के कर्मचारी खुद का शोषण करा रहे है।  छत्तीसगढ़ में ईटीवी एक प्रमुख दल के लिए कार्य कर रहा है।  ईटीवी के बड़े पत्रकार  खुद भी मैनेजर का काम कर रहे  हैं। 

Dakhal News 26 August 2016

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.