उद्योग मंत्री शुक्ल ने उमरिया में किया पत्रकारों का सम्मान
वाणिज्य, उद्योग और रोजगार तथा खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि सामाजिक विकास के लिए रचनात्मक पत्रकारिता की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि पत्रकार देश और समाज के पथ-प्रदर्शक हैं। श्री शुक्ल आज उमरिया में स्वर्गीय श्री रमाशंकर अग्निहोत्री पत्रकारिता सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह में मंत्री शुक्ल ने पत्रकार ऋतुपर्ण दवे,अमित शुक्ला,गोपाल बंसल, प्रकाशचंद्र जायसवाल और अरूण त्रिपाठी को सम्मानित किया।पत्रकार सम्मान समारोह श्री नर्मदे हर सेवा न्यास रेवा धाम, अमरकंटक जिला अनूपपुर द्वारा आयोजित किया गया था।
श्री शुक्ल ने कहा कि पत्रकारिता सम्मान समाज के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सूचना का स्वतंत्र प्रवाह होता है। उद्योग मंत्री में कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारिता क्षेत्र में अनेक चुनौतियाँ हैं। उन्होंने नैतिक मूल्यों में दिन-प्रतिदिन आ रही गिरावट को रोकने के लिए मूल्य आधारित पत्रकारिता को बढ़ावा दिये जाने की भी जरूरत बतायी। श्री शुक्ल ने कहा कि चौथे स्तम्भ के रूप में पत्रकारिता उभर कर सामने आई है। इन चुनौतियों से निपटने के बारे में सोचे जाने की जरूरत हैं।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वे अपने कार्यक्षेत्र को बड़ा रखकर काम करें। श्री शुक्ल ने अपेक्षा की कि शासन द्वारा चलाई जा रही जन-कल्याणकारी योजनाओं को भी प्रकाशित कर आमजन तक पहुँचाए। श्री शुक्ल ने कहा कि विधायिका और पत्रकारिता दोनों मिलकर काम करेंगे, तो निश्चित ही हम प्रगति की ओर अग्रसर होंगे।
अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह ने कहा कि पत्रकार अपनी कलम को अपनी ताकत बनाये। पत्रकारों के सामने कभी-कभी चुनौतियाँ भी सामने आती हैं, वे उन चुनौतियों से लड़कर निष्पक्ष अपनी बातों को जनता के सामने रखे। उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया के माध्यम से भी खबरों का आदान-प्रदान किया जा रहा है, इसके लिए सभी पत्रकार बधाई के पात्र हैं। श्री सिंह ने कहा कि पत्रकार समाज का आईना होता है तथा अच्छे-बुरे कामों को जनता और शासन, प्रशासन तक पहुँचाता है।
नर्मदे हर न्यास के अध्यक्ष भागवत शरण माथुर ने कहा कि आज के समय में समस्याएँ उत्पन्न करने वाले ही समस्याओं का निदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम अपना आचरण, व्यवहार, चरित्र अच्छा बनाकर चले तो निश्चित तौर पर हम पर कोई उँगली नहीं उठा सकता है। चुनौतियों का सामना डटकर करें। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, इसलिए पत्रकार पूरी ईमानदारी के साथ खबरों का प्रकाशन करें।