बिजली को लेकर कांग्रेस का विधानसभा में हंगामा किया सदन से वाकआउट
राज्य विधानसभा में मंगलवार को बिजली को लेकर जमकर हंगामा हुआ और कुछ देर सदन हंगामें डूबा रहा। कांग्रेस का आरोप था कि सूखे की मार झेल रहे किसान को एक तो सरकार पर्याप्त बिजली नहीं दे रही है ऊपर से उससे मनमाने बिल वसूले जा रहे हैं और मुकदमें दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जा रहा है। सरकार ने विपक्ष की बात को सिरे से खारिज किया तो उत्तेजित सदस्य गर्भ गृह में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस बीच विधायक जीतू पटवारी ने लोक अदालत में छह साल के बच्चे को सजा का मामला उठा दिया। इसके बाद सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कांग्रेसी सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया।कांग्रेस के महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा ने आरोप लगााया कि राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में सरकार ठीक से काम नहीं करवा पा रही है। उन्होंने भी कम वोल्टेज से बिजली का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इससे किसानों को सिंचाई में समस्या आ रही है। कालूखेड़ा ने मांग की कि नई फसल के आने तक सरकार को किसानों से बिजली बिल की वसूली स्थगित कर देनी चाहिए। उन्होंने फीडर सेपरेशन में भी अनियमितताओं का आरोप लगाया। वहीं कांगे्रस के सुंदरलाल तिवारी ने आरोप लगाया कि विधायकों को दो हार्सपावर के मोटर कनेक्शन पर पांच ेहार्सपावर के बिल दिए जा रहे हैं। इस पर जब मंत्री ने कांग्रेस विधायकों की बात सिरे से नकार दी तो उत्तेजित कांग्रेस विधायक गर्भगृह में आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर मंत्री मलैया ने जब बिजली बिलों की जांच कराने पर मामला शांत ही हुआ था कि विधायक जीतू पटवारी ने अपने सवाल के दौरान लोक अदालत में सागर जिले के विजयपुरा में एक छह साल के बच्चे को बिजली चोरी के मामले सजा का मामला उठाते हुए कहा कि सरकार इस मामले में झूठ बोल रही है। इस कांग्रेस के रामनिवास रावत, मुकेश नायक समेत कई विधायक एक साथ बोलने लगे। इन विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर दिया।