कालसर्प योगी ,चाणक्य और किंगमेकर
कालसर्प योगी ,चाणक्य और किंगमेकर
पंडित पीएन भट्ट सोचिए! दिल्ली विधानसभा चुनावों में अमित शाह के 60 के आंकड़े को। जो मात्र 03 में बदलकर घातक कालसर्प योगी श्री अरविंद केजरीवाल ने समूचे भाजपा परिवार को किंकत्र्तव्यविमूढ़ कर दिया तथा श्रीमती किरण बेदी के प्रशासनिक एवं राजनैतिक अहंकार को दफन कर दिया।वस्तुत: अमित शाह को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुरक्षा कवच के रूप में भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। तीन टिकट महा विकट के कैनवास में जिन त्रिमूर्तियों के भाग्य दर्पण को ज्योतिषीय आईने में देखने का मैंने प्रयास किया है, उसमें नरेन्द्र मोदी का व्यक्तित्व उतना विशाल नहीं है, जितना चुनावों के दौरान मीडिया तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा उनका प्रकटन किया गया है। कदापि इसका अर्थ यह नहीं है कि नरेन्द्र मोदी कमजोर हैं और न ही उनके अदम्य साहस में कहीं कमजोरी है।नरेन्द्र मोदी: भारतीय राजनीति का चाणक्यनरेन्द्र मोदी का जन्म 17 दिसम्बर, 1950 को वृश्चिक लग्न, अनुराधा नक्षत्र के तृतीय चरण में रविवार को दिन के 11 बजे, ग्राम बडऩगर, जिला मेहसाणा (गुजरात) में हुआ था। जन्म लग्न तथा जन्म राशि वृश्चिक है। लग्नस्थ स्वक्षेत्री मंगल कुण्डली में मंगली योग बना रहा है। कुण्डली में वरिष्ठ योग सफल अमल कीर्ति योग, केदार योग, महापुरुष योग, गजकेसरी योग, अखण्ड साम्राज्य योग, अमर योग, केन्द्र त्रिकोण राजयोग, दान योग, पर्वत योग, शंख योग, भेरी योग, चन्द्र मंगल योग सरीखे महान योगों ने इस जातक को सामान्य से विराट व्यक्तित्व का धनी बनाया है।योगिनी में संकटा की महादशा 26.01.71 से 26.01.79 तक चली। वस्तुत: संकटा की महादशा में (8 वर्ष) नरेन्द्र मोदी के संघर्षों का काल था, जिसने इन्हें तपाकर सोने से कुन्दन बना दिया। 06 जून, 1975 को जब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने देश में आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी। उसी दौरान इन्होंने ‘संघर्ष मा गुजरात नामक पुस्तक लिखी जिसमें आपातकालीन घटनाओं का उल्लेख था।सत्ता से सत्ता के शिखर तक (राज्याभिषेक)07 अक्टूबर 2001 को श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उस समय वर्गोत्तम शुक्र की महादशा चल रही थी।24 फरवरी, 2002 को राजकोट विधानसभा चुनाव में अपने कांग्रेसी प्रतिद्वंदी को 14728 वोटों से पराजित कर विजयश्री प्राप्त की। उस समय शुक्र में बुध (लाभेश) की अन्तर्दशा चल रही थी। उसी ने इन्हें सत्ताधीश बनवाने में अहम् भूमिका निभाई। राज्येश सूर्य की महादशा काल में 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनते रहे।देश के सत्ता सिंहासन पर: 2014 03.12.2011 से भाग्येश चन्द्र की महादशा का शुभारम्भ हुआ। ज्योतिष ग्रंथों में वर्णित है कि भाग्येश की महादशा एक तो आती ही नहीं, यदि आ जाए तो जातक ‘रंक से राजा, राजा से महाराजाÓ बनता है।26.05.2014 को राष्ट्रपति भवन में जब उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी उस समय भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 282 सीटों पर विजयश्री प्राप्त की थी। उस समय श्री नरेन्द्र मोदी की कुण्डली में भाग्येश चन्द्र की महादशा में राज्यभवन में विराजे वर्गोत्तम शुक्र की प्रत्यन्तर दशा चल रही थी। भाग्येश चन्द्रमा की महादशा 02.12.2021 तक चलेगी तथा योगनी में मंगला, पिंगला और धान्या की महादशा 25.01.2021 तक चलेगी। जन्म कुण्डली के सभी प्रकार उच्च कोटि के राजयोगों की परिणति ने उन्हें देश का शासनाध्यक्ष बनाया। स्वराशिगत् होकर मंगल लग्नस्थ है, जो शत्रुहन्ता योग भी बना रहा है।विश्वस्तरीय सम्मान पाने में सक्षमअनेक महायोगों से प्रभावित यह जातक विश्वस्तरीय सम्मान पाने में सक्षम है। बस, वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती चल रही है। 26.10.2017 से शनि की साढ़ेसाती का अन्तिम चरण प्रारम्भ होगा, हो सकता है 26.10.2017 के पश्चात् कुछ राजनैतिक प्रतिकूलताओं का सामना करना पड़े। इस विराट व्यक्तित्व को, किन्तु भाग्येश का सुरक्षा कवच इस जातक के अखण्ड साम्राज्य योग को और अधिक प्रभावी बना सकता है।किंग मेकर अमित शाह22 अक्टूबर, 1964 दिन गुरुवार को दिन के 12 बजे मुम्बई में जन्मे इस राजपुरुष की शारीरिक कद-काठी एवं शक्ल-सूरत कांग्रेस नेता अरुण नेहरू के समान ही नजर आती है। जन्म के समय धनु लग्न उदित तथा भरणी नक्षत्र का द्वितीय चरण चल रहा था। कुण्डली में स्वक्षेत्री शनि तथा चार ग्रहों का राशि परिवर्तन योग बड़ा प्रभावशाली है। पिता अनिल चन्द्र शाह के वैष्णव परिवार में जन्मे इस जातक की जन्म कुंडली में सुनफा योग, भेरी योग, महाभाग्य योग, नीच भंग राजयोग, विमल योग, जैमिनी राजयोग, धन योग, पराक्रम योग, मातृ स्नेह योग, महापरिवर्तन योग, पूर्णायु योग, राज संबंध योग तथा खलवात योग (गंजा होने का योग) सरीखे अद्भुत योग हैं। जन्म के समय शुक्र की महादशा। शुक्र की महादशा में जन्मा यह जातक सन् 1997 में सरखेज से उपचुनाव जीतकर विधायक बना। पुन: सरखेज विधानसभा से चुनाव लड़कर 1998, 2002 और 2007 में उसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। इस जातक को 02.05.2009 से 02.05.2016 तक योगिनी में सिद्धा की महादशा चलेगी। यही समयकाल इस जातक के प्रभा मण्डल को दैदीप्यमान करता नजर आएगा।अशुभ काल: सिद्धा में संकटा की जब अन्तर्दशा आई तो 2010 में फर्जी एनकाउंटर केस (सोहराबुद्दीन शेख) में फंसे। 08 जून, 2010 को इनकी मातुश्री की मृत्यु हो गई। श्री अमित शाह अपनी माता के प्रति बड़ी श्रद्धा रखते थे। श्री शाह 25 जुलाई 2010 को गिरफ्तार हुए तथा तीन माह जेल में रहने के बाद 29.10.2010 में इनकी जमानत हुई। साथ ही गुजरात राज्य में इनके प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई। सन् 2012 को नारानपुर से विधानसभा चुनाव लड़े और 1,03,988 वोटों से विजयी हुए। इस जातक को 02.05.2009 से 02.05.2016 तक योगिनी में सिद्धा की महादशा चलेगी। दिनांक 02.05.2016 से योगिनी में संकटा की महादशा इनके राजनैतिक प्रभामण्डल को प्रभावित कर सकती है। यदि राजनीतिक स्वास्थ्य के प्रति सावधानी नहीं बरती गई, तो?राष्ट्रीय राजनीति: 2014 लोकसभा चुनावों में श्री नरेन्द्र मोदी ने श्री अमित शाह को उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाया। श्री अमित शाह ने ऐसा चुनावी संचालन किया, जो अचम्भित कर देने वाला रहा। 80 में से 71 सीटें जीतकर भा.ज.पा. ने इतिहास रच डाला, उत्तर प्रदेश के चुनावी परिणामों में। दो सीटें सहयोगी अपना दल के हिस्से में भी ाई। जुलाई, 2014 को अमित शाह को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्विरोध चुना गया। अनेक राज्यों में विजय पताका फहराते हुए भाजपा के अश्वमेघ यज्ञ के अश्व को अरविन्द केजरीवाल की ‘आप पार्टी’ ने रोका तथा विजयश्री प्राप्त की। दिल्ली व बिहार विधानसभा की चुनावी जंग में भाजपा हारी। असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, यूपी के विधानसभा चुनाव में चुनौती न बने, इसके लिए श्री अमित शाह को अपनी चुनावी रणनीति में काफी परिवर्तन करना होंगे, अन्यथा चुनावी परिणाम भा.ज.पा. के चुनावी अश्वमेघ यज्ञ पर प्रश्नचिन्ह लगा सकते हैं? क्योंकि उस समय श्री अमित शाह की कुण्डली में संकटा की महादशा अपना जौहर दिखला सकती है?राजनैतिक पराक्रम अक्टूबर 2001 में श्री नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री बने गुजरात के। सन् 2002 में श्री अमित शाह सरखेज विधानसभा से पुन: चुनाव लड़े और कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से पराजित कर सबसे युवा मंत्री बने, मोदी सरकार में। उस समय 12 विभाग थे, अमित शाह के पास। तब राहु में गुरु की अन्तर्दशा चल रही थी।घातक कालसर्प योगीअरविन्द केजरीवाल अरविन्द केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त, 1968 की रात्रि 11:48 पर हरियाणा प्रदेश के सिवानी (हिसार) में हुआ था। वृष लग्न तथा वृष राशि वाला यह जातक कृतिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण में जन्मा। लाभ भवन में राहु और पंचम भवन में केतु के मध्य सभी ग्रह पदस्थ हैं, जो केजरीवाल को घातक कालसर्प योगी बना रहे हैं। जातक की कुण्डली में वर्गोत्तम शनि, जो भाग्येश और राज्येश है। शुक्र लग्न और शत्रु भवन का स्वामी है, जो शत्रुहन्ता योग बना रहा है। उच्च राशिगत् चन्द्र पराक्रमेश होकर लग्न में बैठे हैं, जो वाणी तथा व्यवहार द्वारा अनुयाईयों की संख्या में इजाफा कर सकते हैं तथा मौका आने पर उन्हें भयाक्रान्त भी कर सकते हैं। स्वक्षेत्री सूर्य राजयोग कारक है। इस जातक की कुण्डली में घातक कालसर्प योग के अलावा केदार योग, गजकेशरी योग, अनफा योग, अधम योग, वेशि योग, जड़ योग (बोलने में अपना संतुलन खोने वाला) उत्तम गृह योग, बन्धू पूज्य योग, दुर्योग, शंख योग, भेरी योग, नीच भंग राजयोग, देह कष्ट योग, अखण्ड साम्राज्य योग, अमर योग, राज लक्षण योग, केन्द्र त्रिकोण राजयोग, धन योग, पूर्णायु योग, मृतका योग, (जातक श्रेष्ठ सेवक होगा) सूर्य, मंगल योग, सूर्य गुरु योग, सूर्य बुध योग, सूर्य शुक्र योग आदि अनेक योगों को धारण करने वाला यह जातक महान पराक्रमी तथा जन मानस का श्रेष्ठ सेवक होगा। कालसर्प योगी बड़े प्रतिभा सम्पन्न तथा प्रभावशाली होते हैं यथा भगवान गौतम बुद्ध, अब्राहीम लिंकन, पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चर्चिल, चंगेज खां, पीवी नरसिम्हा राव, धीरूभाई अम्बानी, आचार्य रजनीश सरीखे व्यक्ति विभिन्न क्षेत्रों में अपनी धाक, प्रतिष्ठा तथा अपना लोहा मनवाने वाले अनगिनत व्यक्तित्वों ने अपनी कथनी-करनी से इतिहास में अपना स्थान बनाया और बनाते रहेंगे।मुख्यमंत्री, दिल्ली, प्रथम पारी 2013सन् 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित को 25,864 वोटों से पराजित कर दिल्ली विधान सभा में 28 सीटें जीत कर 28 दिसम्बर, 2013 को सबसे युवा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उस समय गुरु में वर्गोत्तम शुक्र की अन्तर्दशा चल रही थी। बहुमत के अभाव में 14 फरवरी, 2014 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उस समय योगनी दशा में संकटा में संकटा की अन्तरदशा चल रही थी, जिसने राजयोग भंग किया।लोकसभा चुनाव 2014‘आम आदमी पार्टी’ की आम राय पर श्री अरविन्द केजरीवाल ने भा.ज.पा. के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी श्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बनारस से लोकसभा चुनाव लड़ा। श्री मोदी तो भाग्येश की महादशा में युद्ध-देही का शंखनाद फूंक रहे थे। श्री अरविन्द केजरीवाल संकटा की महादशा में विजय कैसे प्राप्त कर सकते थे, जबकि सामने भाग्येश की महादशा वाला महारथी चुनाव लड़ रहा हो। अंततोगत्वा श्री केजरीवाल चुनावी जंग में परास्त हो गये।मुख्यमंत्री, दिल्ली, दूसरी पारी 2015केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली विस की 70 सीटों पर आप पार्टी ने चुनाव लड़ा। भाजपा प्रत्याशी नुपुर शर्मा को 31583 मतों से पराजित किया। आप पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर विजय प्राप्त की। भाजपा तीन सीटों पर सिमट कर रह गई। कांग्रेस 8 से 0 पर पहुंच गई। उस समय केजरीवाल को संकटा में धान्या की अन्तर्दशा चल रही थी। गर्व से आल्हादित श्रीमती किरण बेदी चुनावी जंग में ‘बडे बेआबरू होकर, तेरे कूचे से हम निकले’ की कहावत चरितार्थ करती पराजित हुई। सम्भवत: भा.ज.पा. के राजनैतिक अहंकार को ईश्वरीय श्राप मिला हो? बेताल मौन है? वक्त अट्टहास कर रहा है। कांगे्रस तो जड़ होकर न हंसी, न रोई। श्री नरेन्द्र मोदी की तरह अरविन्द केजरीवाल को भी 15.08.2020 से 15.8.2039 तक भाग्येश और राज्येश वर्गोत्तम शनि की महादशा का राजनैतिक लुत्फ उठाने का अवसर मिलेगा और उसी दौरान योगनी महादशा में मंगला, पिंगला, धान्या की गौरव प्रदान करने वाली महादशाएं केजरीवाल की राजनैतिक परिक्रमा करती नजर आएंगी। हो सकता है यह घातक कालसर्प योगी अरविन्द केजरीवाल भारतीय राजनैतिक आकाश में धूम-केतू की तरह उभर कर तत्कालीन अन्य राजनैतिक हस्तियों के राजनैतिक पराभव का इतिहास लिखने को आतुर नजर आए।आप पार्टी: राजनीतिक सफरनवम्बर 2012 में ‘आम आदमी पार्टी’ का गठन हुआ। इसमें अरविन्द केजरीवाल को राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया। जीवन में संघर्षों की जो दास्तान लिखी गई और जिसमें तपकर यह जातक प्रभावशाली व्यक्तित्व धनी बना। वह 18 वर्षीय राहु की महादशा का समय काल रहा, जो 15.08.1986 से लेकर 15.08.2004 तक चला। कालसर्प योगी श्री धीरूभाई अम्बानी भी राहु की 18 वर्षीय महादशा में रंक से राजा बने थे। वस्तुत: कालसर्पयोगी जातकों का अभ्युदय राहु या केतु की महादशा में ही प्रारम्भ हो जाता है। [पंडित पीएन भट्ट से इन नंबर्स पर संपर्क कर सकते हैं -9407266609, 07582223168 ]
Dakhal News 22 April 2016

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