बहके बहके नजर आये गडकरी विवेकानंद से की दाऊद की तुलना
बहके बहके नजर आये गडकरी विवेकानंद से की दाऊद की तुलना
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने स्वामी विवेकानंद के आईक्यू की तुलना आतंकी दाऊद इब्राहिम से कर दी । उन्होंने कहा कि दाउद ने अपने आईक्यू का उपयोग अपराध के क्षेत्र में किया तो वह अपराधी बन गया,जबकि विवेकानंद ने समाज, देश के हित में अपने आईक्यू का इस्तेमाल किया तो वे महान बन गए। आईक्यू दोनों जगह समान है, पर महत्वपूर्ण ये है कि बुद्धिमत्ता, कौशल का उपयोग किस तरह होता है। गडकरी रविवार को भोपाल में ओजस्विनी अलंकरण समारोह में शामिल होने आए थे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी ने कहा कि महिलाओं में आत्म विश्वास जगाने की जरूरत है। विज्ञान हो या आध्यात्म, पर्यावरण हो अथवा पारिस्थितिकी जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाएें सर्वश्रेष्ठ योगदान दे सकती है। उन्हें पूरी क्षमता और मनोयोग के साथ आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि देश को बदलना है तो समाज की सोच को बदलना होगा। अतीत की लिंग, जाति, धर्म और क्षेत्र के भेदभाव की कटु स्मृतियाँ को भूलकर पूरी क्षमता और सकारात्मक सोच के साथ राष्ट्र निर्माण के लिये आगे आना होगा। श्री गडकरी ने कहा कि भारत विश्व की महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। मूल्य आधारित शिक्षा और आधुनिक विज्ञान के साथ 21वीं सदी के देश का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने ओजस्विनी द्वारा नारी शक्ति जागरण के प्रयासों की सराहना करते हुये इसकी निरंतरता बताए रखने की आवश्यकता बताई।गडकरी ने कहा कि जब गरीब थे, तब खुश थे। जब बंगला, घर बना तो दु:खों का सागर आ गया। उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधि देश की स्थिति नहीं बदल सकते, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को इस काम के लिए आगे आना होगा। गडकरी ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि समाज में कोई पूर्ण नहीं है।गडकरी ने 500 साल पुरानी भारतीय संस्कृति और विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि अस्पृश्यता, महिलाओं की दयनीय स्थिति, भेदभाव आदि चीजें सही नहीं थी। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि महिलाओं को समाज में पुरूष के बराबर स्थान मिलना चाहिए। इससे पहले राजधानी के स्टेट हैंगर से जब गडकरी बाहर निकले तो उनसे पूछा गया कि कांग्रेस की रैली में भाजपा पर तमाम आरोप लगाए जा रहे हैं, इस पर आप क्या कहेंगे? गडकरी चुप रहे। जब पूछा कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर आपका क्या रूख है? तो वे झल्ला गए और उन्होंने मीडियाकर्मियों को दोनों हाथों से अपने रास्ते से हटाया और बिना कुछ कहे आगे बढ़ चले। गडकरी स्टेट हैंगर से सीधे रवींद्र भवन में आयोजित ओजस्विनी अलंकरण समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे। यहां मीडिया ने उन पर सवालों की बौछार कर दी। बिना जवाब दिए गडकरी झल्लाए और आगे बढ़कर सीधे कार्यक्रम में शामिल होने चल दिए। समारोह में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि स्त्री-पुरूष में भेदभाव के परिदृश्य को बदलने की जरूरत है। महिलाओं के प्रति विकृत सोच का, विरोध करना जरूरी है। विरोध की इसी आवाज को मजबूती देने के लिये, बेटी बचाओ अभियान चलाया जा रहा है। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री जयंत मलैया, संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रभात झा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में ओजस्विनी पत्रिका में प्रकाशित संपादकीय के संकलन भूमिजा का विमोचन भी किया गया।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बेटी बचेगी और बढ़ेगी, तभी कल है। समाज में बेटियों के प्रति भेदभाव की भावना को समाप्त करने के जन जागरण के प्रयासों में आगामी 19 नवम्बर को ग्वालियर में एक लाख से अधिक माताओं-बेटियों के सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान रानी लक्ष्मीबाई की जयंती 19 नवम्बर से राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती तक मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहाँ पर पुरूष की सार्मथ्य समाप्त हो जाती है वहीं से मातृशक्ति प्रारंभ होती है। देवता जब विवश हो जाते थे तब मातृशक्ति ही उनका बचाव करती थी। उन्होंने देश की महान महिला विभूतियों का स्मरण करते हुए नारी शक्ति की क्षमताओं और योग्यताओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जड़ और चेतन सभी एक ही चेतना के विभिन्न रूप हैं। इसलिये किसी के साथ भी भेदभाव अनुचित है।[दखल ]
Dakhal News 22 April 2016

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