Dakhal News
अभिवादन का उदघोष बना नमामि देवी नर्मदे
नर्मदा सेवा यात्रा व्यापक जन-सहभागिता से जन आंदोलन बन रही है। पिछले 3 दिनों की यात्रा कुछ इसी तरह की तस्वीर दिखाती है। जन-सहभागिता का सुफल है कि जहाँ ग्रामीण अभिवादन के लिए ’’नमामि देवी नर्मदे’’ कह रहे हैं वहाँ पढ़े-लिखे लोग ’’त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे’’ का उदघोष कर रहे हैं।
यात्रा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अवधारणा से मिला संबल भी काबिले तारीफ है। यात्रा के दौरान एक बड़ा बदलाव देखने को मिला, स्वस्फूर्त नशामुक्ति के लिए आगे आये समाज का ! आँवली घाट का यह द्दश्य ग्रामीणों को दिशा देता दिखा जब ’’कीर’’ समाज के दर्जनों युवाओं ने नर्मदा मैया के समक्ष यह संकल्प व्यक्त किया कि वे पूरे प्रदेश में अपने समाज को नशा-मुक्त करेंगे। युवाओं ने कहा कि वे पूरे प्रदेश का दौरा कर मुख्यमंत्री जी की सोच के अनुरूप कीर समाज को नशा मुक्त करने को प्रेरित करेंगे।
दूसरी तस्वीर भी काफी उजली थी। आँवली घाट में ही 9 किसान अचानक मंच पर आये और उन्होंने कहा कि वे अपनी 9 हेक्टेयर भूमि में 2365 जलधार वृक्ष लगाकर नर्मदा जी को प्राणित करेंगे। किसानों ने कहा कि वे अपनी जमीनों पर कुंड भी बनाने पर विचार कर रहे हैं। निश्चित ही ग्रामीणों की ये गंभीर पहल नर्मदा जी को अविरल और प्रदूषणमुक्त बनाने की मुख्यमंत्री की मंशा को पूरा करेगी।
यात्रा के साथ लगातार चल रही साध्वी प्रज्ञा-भारती और अन्य साधु-संतों का यह आव्हान भी कारगर दिख रहा है कि नर्मदा जी में फूल-मालाएँ,पूजन सामग्री और आरती पात्र आदि प्रवाहित तथा विसर्जित नही किये जाएं। ग्रामीण कह रहे हैं कि जब साधु-संत ही बता रहे हैं कि इससे नर्मदा जी अपवित्र होगी तो सही ही कह रहे हैं। ग्रामीण अब संकल्प ले रहे हैं कि वे पूजन सामग्री नर्मदा जी में प्रवाहित नहीं करेंगे।
इस दौरान यह भी देखने को मिला कि नर्मदा परिक्रमा यात्री और ग्रामीण नदी में बह रहे फूल, पूजन सामग्री हटाकर अपने थैलों में भर रहे हैं। सही है अब लोग गंदगी से बंदगी की ओर बढ़ रहे हैं।
Dakhal News
|
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By:
Medha Innovation & Development |