एमपी में गेहूँ एक रूपये और चावल दो रूपये प्रतिकिलो
मध्यप्रदेश में गरीब परिवारों को अब एक दिन की मजदूरी में पूरे माह का राशन मध्यप्रदेश में बी.पी.एल और अंत्योदय परिवारों को एक दिन की मजदूरी से पूरे माह का राशन मिलेगा। यह संभव होगा मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान के निर्देश पर राज्य शासन द्वारा जून 2013 से अंत्योदय और बी.पी.एल. परिवारों को एक रूपये प्रति किलोग्राम गेहूँ और 2 रूपये प्रति किलोग्राम चावल उपलब्ध करवाने के निर्णय से । खाद्यान्नों के मूल्य में यह विशेष रियायत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत दी जायेगी। योजना में वर्तमान में अंत्योदय परिवारों को 35 किलो और बी.पी.एल परिवारों को 20 किलो खाद्यान्न प्रति माह उपलब्ध करवाया जा रहा है।उल्लेखनीय है कि वर्तमान में अंत्योदय परिवारों को गेहूँ 2 रूपये प्रति किलोग्राम और चावल 3 रूपये प्रति किलोग्राम उपलब्ध करवाया जा रहा है। बी.पी.एल परिवारों को गेहूँ 3 रूपये प्रति किलोग्राम और चावल 4रूपये 50 पैसे प्रति किलोग्राम की दर पर उपलब्ध हो रहा है।मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के बाद देश का पहला ऐसा प्रदेश होगा जो इन विशेष रियायती दरों पर गरीब परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध करवायेगा। इस विशेष रियायती दर पर खाद्यान्न की उपलब्घता से प्रदेश की लगभग आधी आबादी अर्थात् 3.5 करोड़ गरीब नागरिक लाभान्वित होंगे। इनमें 8 लाख परिवार अंत्योदय श्रेणी के और 56 लाख परिवार बी.पी.एल. श्रेणी के होंगे।राज्य शासन के इस महत्वपूर्ण और लोक हितैषी फैसले से राज्य सरकार पर करीब 360 करोड़ रूपये का अतिरिक्त सबसिडी भार आयेगा। वर्तमान में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत प्रदेश में अंत्योदय परिवारों को 35 किलोग्राम खाद्यान्न और बीपीएल परिवारों को 20 किलोग्राम खाद्यान्न प्रतिमाह उपलब्ध करवाया जाता है। इस पर राज्य सरकार पहले ही 440 करोड़ की सबसिडी का भार उठा रही है।मध्यप्रदेश में बीपीएल और अंत्योदय परिवारों को विशेष रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध करवाने का राज्य शासन का यह फैसला भारत सरकार के प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक से भी एक कदम आगे का फैसला है। खाद्य सुरक्षा विधेयक में 2 रूपये प्रति किलोग्राम गेहूँ और 3 रूपये प्रति किलोग्राम चावल उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है।यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश को केन्द्र सरकार से वर्तमान में बी.पी.एल परिवारों के लिये प्राप्त खाद्यान्न 5 रूपये प्रति किलोग्राम गेहूँ और 6.50 रूपये प्रति किलोग्राम चावल की दर पर प्राप्त हो रहा है। इस खाद्यान्न को हितग्राही परिवारों को उपलब्ध करवाने के लिये परिवहन और सहकारी और शीर्ष समितियों के कमीशन पर होने वाला व्यय राज्य सरकार पहले से ही वहन कर रही है।अब प्रदेश के सभी विकासखण्डों में एक रूपये किलो की दर से आयोडीनयुक्त नमकराज्य सरकार ने एक ओर महत्वपूर्ण निर्णय जून 2013 से प्रदेश के सभी 313 विकासखण्ड में बी.पी.एल और अंत्योदय परिवारों को प्रति माह एक रूपये प्रति किलोग्राम की विशेष रियायती दर से आयोडीनयुक्त नमक उपलब्ध करवाने का भी लिया है। वर्तमान में प्रदेश के सिर्फ 89 अनुसूचित जनजाति बहुल विकासखण्ड में यह सुविधा प्रदाय की जा रही है।इस फैसले का उद्देश्य यह है कि न केवल अनुसूचित जनजाति के परिवारों बल्कि प्रदेश के सभी बी.पी.एल और अंत्योदय परिवारों को स्वस्थ पोषण के लिये आयोडीनयुक्त नमक सस्ती से सस्ती दर पर उपलब्ध हो सके।इस अहम फैसले पर अमल से राज्य शासन पर 40 करोड़ रूपये सालाना का अतिरिक्त व्यय भार आयेगा, जो वर्तमान में सिर्फ 25 करोड़ था।इस तरह आयोडीनयुक्त नमक को एक रूपये प्रति किलोग्राम की विशेष दर पर प्रदेश के सभी अंत्योदय और बी.पी.एल परिवारों को उपलब्ध करवाने पर राज्य शासन कुल 65 करोड़ रूपये सालाना का भार वहन करेगा।[दखल]