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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत एक अदभुत राष्ट्र है। निकट भविष्य में भारत ही विश्व समुदाय का पथ-प्रदर्शक बनेगा। यहाँ वैचारिक मतभेद का भी सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों में भिन्न मत रखने वाले संत पुरूषों को भी दण्ड भोगना पड़ता है। श्री चौहान समन्वय भवन में कथारूप में दीनदयाल कार्यक्रम के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन दीनदयाल शोध संस्था नई दिल्ली द्वारा किया गया था।
मुख्यमंत्री ने नर्मदा सेवा-यात्रा की चर्चा करते हुये सभी नागरिकों को इसमें भाग लेने के लिये आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा के तटों के आसपास शराब की दुकान नहीं खोली जायेंगी। पूजन-सामग्री से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिये पूजन कुण्ड बनाये जायेंगे।
कथा रूप में दीनदयाल के प्रयास को राष्ट्र का नवनिर्माण करने वाला प्रयास बताते हुये कहा कि पंडित दीनदयाल जी ने राष्ट्र के लिये एकात्म मानववाद के दर्शन का अनूठा उपहार दिया है।
श्री आलोक कुमार ने राष्ट्र की अवधारणा का चित्रण किया और एकात्म मानववाद की व्याख्या की। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कथा रूप में दीनदयाल कार्यक्रम की प्रासंगिकता की चर्चा की।
इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री रूस्तम सिंह, उच्च शिक्षा एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती ललिता यादव, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान, भोपाल नगर पालिक निगम के महापौर श्री आलोक शर्मा एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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