Patrakar Priyanshi Chaturvedi
छात्र राजनीति के धाकड़ बने धाकड़ पत्रकार
महेश दीक्षित
अपने समय के धाकड़ पत्रकार वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र धनोतिया के बारे में यह बात कम लोग ही जानते होंगे कि एक समय वे भोपाल की छात्र राजनीति में धाकड़ युवा राजनेता के तौर पर जाने जाते थे। आज उनकी पहचान एक कुशल और गंभीर पत्रकार के रूप में होती है। 1984-86 के दौरान रवींद्र कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई करते हुए श्री धनोतिया युवा राजनीति में सक्रिय रहे। कॉलेज छात्र संघ का चुनाव स्वयं लड़ा और कई सालों तक अपने संगी-साथियों को चुनाव लड़ाया। 27 जुलाई, 1961 को जन्मे श्री धनोतिया बेहद पढ़े-लिखे हैं। वे बीए, एलएलबी, एमए (अर्थशास्त्र), एमए (समाजशास्त्र) और एमए (दर्शनशास्त्र) डिग्री प्राप्त हैं। पढ़ाई के दौरान राजेंद्र महाविद्यालय से प्रकाशित होने वाली पत्रिकाओं में लेखन का कार्य करते रहे। इसी दौरान उनकी पत्रकारिता की तरफ रुचि जागी और वे समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में लिखने लगे। यह सिलसिला वर्ष-1983 तक चला। वर्ष 1984 से उन्होंने दैनिक भास्कर में बतौर प्रशिक्षु रिपेार्टिंग की शुरुआत की। भास्कर में रहते कई खबरों पर काम किया, जो बेहद चर्चा में रहीं। भास्कर में वरिष्ठ साथियों के मार्गदर्शन में श्री धनोतिया को जो पत्रकारिता में सीखने मिला, आज वे अपने जूनियर साथियों के साथ बांट रहे हैं। यहां 4 वर्षों तक काम करने के बाद वर्ष-1988 में नवभारत ज्वाइन कर लिया। यहां जिला प्रशासन, नगर निगम, अपराध एवं छात्र राजनीति से जुड़े विषयों की रिपोर्टिंग तथा विशेष संवाददाता के रूप में राजनीतिक एवं प्रशासनिक खबरों का संकलन करने का काम किया। नवभारत में छात्रों से जुड़ी खबरों को विशेष रूप से उठाया, ताकि उनके सामने आ रही दिक्कतों को दूर किया जा सके। नवभारत में उनकी लेखनी विशेष तौर पर सुधरी। इसके बाद वर्ष-2001 में ‘सी-न्यूज’ में विशेष संवाददाता के तौर पर जुड़े। खास बात यह है कि वे वर्ष-2003 में इसी चैनल के संपादक भी बने। मई 2006 में सांध्य दैनिक फाइन टाइम्स में संपादक के तौर पर सेवाएं दीं। जून 2008 में सांध्य प्रकाश और इसके बाद कुछ सालों तक पीपुल्स समाचार में विशेष संवाददाता के तौर पर सेवाएं दीं। लेकिन नौकरी के बंधन और समय की पाबंदी श्री धनोतिया को चुभने लगी तो उन्होंने वर्ष 2013 में अपना खुद का न्यूज पोर्टल-राजकाज शुरू कर दिया। राज्य विधान सभा में उत्कृष्ट रिपोर्टिंग के लिए विशेष तौर पर पुरस्कृत किया गया। इसके साथ ही प्रशासनिक रिपोर्टिंग के लिए भी पुरस्कृत किया गया। राजनीतिक समाचार संकलन के लिए स्वर्गीय सत्यनारायण श्रीवास्तव स्मृति सम्मान एवं विचित्र कुमार सिन्हा स्मृति पुरस्कार, कर्मचारी जगत की समस्याओं को लंबे समय तक उजागर करने के लिए स्वर्गीय सत्यनारायण तिवारी स मान दिया गया। राजेंद्र जी का कहना है कि वे एक ध्येय लेकर पत्रकारिता में आए है, वह है समाजसेवा। उनका कहना है कि पत्रकारिता समाज की भलाई के लिए एक ऐसा मंच है, जिसका उपयोग भरपूर करना चाहिए, ताकि हम समाज में फैली बुराई को मिटा सकें। समाज के प्रति कुछ करने की प्रेरणा राजेंद्रजी को पिता श्री रामचन्द्र धनोतिया से मिली है। पिता बचपन से ही कड़ी मेहनत और अच्छे संस्कारों की बात किया करते थे। उनका कहना है कि किसी सम्मान से प्रतिभा का आकलन नहीं किया जा सकता। ऐसे कई पत्रकार हैं, जो बिना सम्मान पाए भी बेहतर काम कर रहे हैं।
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