Patrakar Priyanshi Chaturvedi
प्रशासनिक गलियारों का चर्चित पत्रकार
महेश दीक्षित
वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गुप्ता प्रदेश के ऐसे पत्रकार हैं, जिनकी लेखनी ही उनकी पहचान है। उनकी कलम की धार ऐसी है कि प्रशासनिक गलियारों में चर्चा होती है। ब्यूरोक्रेट तक उनकी खबरों का इंतजार करते रहते हैं। दिनेश को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी संघर्षों भरा रास्ता पार करना पड़ा है। वे बताते हैं कि पत्रकारिता में आज वे जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कई ऐसी परीक्षाओं से गुजरना पड़ा, जो हर किसी के लिए आसान नहीं होती, बावजूद इसके वे हर कसौटी पर खरे उतरे। दिनेश प्रशासनिक गलियारों के विशेषज्ञ पत्रकार के रूप में यात हैं। शहर के कई पत्रकार उनसे अपनी खबरों को लेकर चर्चा तक करते हैं। दिनेश में अपनी प्रतिभा का रंज मात्र भी अभिमान नहीं है। यही कारण है कि वे पत्रकारिता जगत में सभी के चहेते हैंंंं। दिनेश में एक और बात है, जो उन्हें दूसरों से अलग करती है। उनका पत्रकारिता का अपना अलग अंदाज है। शिवपुरी में जन्मे दिनेश ने स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है। पत्रकारिता चुनने का सपना उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही देख लिया था, लिहाजा स्नातक होते ही वे इस क्षेत्र में आ गए। करीब 33 साल से वे प्रशासनिक संवाददाता के पद पर कार्य कर रहे हैं। ऐसा करने वाले वे प्रदेश के इकलौते पत्रकार हैं। वर्ष 1983 में अपने समय की देश की चर्चित पत्रिका माया से पत्रकारिता की शुरुआत की। उन दिनों सुधीर सक्सेना माया के मप्र ब्यूरो होते थे। यहां उन्होंने पत्रकारिता की कई बारीकियां सीखीं। माया में काम करने के दौरान उन्हें जो अनुभव मिले, उसका लाभ आज भी उन्हें मिल रहा है। इसके बाद दैनिक जागरण, चौथा संसार, दैनिक भास्कर और दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिन्दुस्तान के मप्र ब्यूरो रहे। दैनिक हिन्दुस्तान में उन्होंने सात साल तक काम किया और उनकी रिपोर्टिंग की देशव्यापी चर्चा हुई। इसके बाद एक साल तक पीपुल्स समाचार, भोपाल में समूह संपादक के पद पर रहे। जब अखबारों की नौकरी से उब होने लगी तो अखबारों की नौकरी छोड़, खुद की पॉवर गैलरी और प्रतियोगिता सेतु नामक पत्रिका का प्रकाशन शुरू कर दिया। यह पत्रिकाएं आज प्रदेश के बहुप्रसारित पत्रिकाओं में शुमार है। पॉवर गैलरी सरकार और ब्यूरोक्रेटस के गतिविधियों पर केंद्रित पत्रिका है, जबकि प्रतियोगिता सेतु पत्रिका केवल प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए है। प्रतियोगिता सेतु पत्रिका शुरू करने के पीछे उनका मत है कि हमें समाज के लिए भी कुछ करना चाहिए। युवा समाज और देश के भविष्य होते हैं, ऐसे में उन्हें सही राह दिखाने के लिए सही मार्गदर्शन जरूरी है। सेतु पत्रिका आज हर युवा की पसंद बन चुकी है। वैसे तो दिनेश के नाम ऐसी कई स्टोरी हैं, जिन्होंने उन्हें पहचान दिलाई, मगर मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड, भोपाल के पहाड़ों से बलात्कार और कोका कोला पर कृपालु सरकार काफी चर्चा में रहीं। इनसे दिनेश को पत्रकारिता में काफी प्रसिद्धि मिली। दिनेश पत्रकारिता के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह गुण उन्हें पिता बीएल गुप्ता से मिला है। फिलहाल दिनेश उन पत्रकारों के लिए काम कर रहे हैं, जिनके पास खुद का मकान नहीं है। दिनेश पत्रकारों को सरकार से रियायती दरों पर जमीन का आवंटन कराकर आवासीय कॉलोनी का निर्माण कराने का काम कर रहे हैं। दिनेश को अपने पत्रकारिता जीवन में ऐसे कई मुकाम हासिल हुए हैं, जो अविस्मरणीय हैं।
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