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राज्यपाल कोहली ने किया कालिदास समारोह का उदघाटन
राज्यपाल ओ.पी. कोहली ने कहा है कि महाकवि कालिदास जीवन की समग्रता के कवि हैं। कालिदास न होते तो संस्कृत साहित्य इतना समृद्ध नहीं होता। उन्होंने अपनी कृतियों में मानव एवं प्रकृति के सौंदर्य का अदभुत चित्रण किया है। वे संस्कृति एवं साहित्य के धनी थे। राज्यपाल श्री ओ.पी. कोहली उज्जैन में कालिदास समारोह के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत, ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, सांसद डॉ. चिंतामणि मालवीय, विधायक डॉ. मोहन यादव, श्री बहादुर सिंह चौहान, श्री सतीश मालवीय, महापौर श्रीमती मीना जोनवाल भी मौजूद थीं।
राज्यपाल कोहली ने कहा कि कालिदास ने अपने नाटकों की शुरूआत शिव की आराधना से की। वे बेजोड़ कवि और नाटककार थे। कालिदास ने अपनी रचनाओं में मानवीय संवेदनाओं और प्रकृति का चित्रण किया है। राज्यपाल ने कहा कि जर्मन कवि गोथे कालिदास के नाटक अभिज्ञान शाकुंतलम पर इतने मुग्ध थे कि उन्होंने कालिदास की कृति को महानतम बताया। राज्यपाल श्री ओ.पी. कोहली ने वर्ष 2015-16 और वर्ष 2016-17 के लिये राष्ट्रीय कालिदास सम्मान रंगकर्म पर श्री राज बिसारिया एवं श्री बंशी कौल को प्रदान किया। सम्मान-स्वरूप उन्हें शॉल-श्रीफल और सम्मान-पत्र के साथ 2-2 लाख रुपये दिये गये।
रंगकर्मी श्री बिसारिया ने रंगकर्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। उन्हें ब्रिटिश थियेटर एसोसिएशन और एसोसिएट ड्रामा बोर्ड से भी सम्मान प्राप्त हुआ है। रंगकर्मी श्री बंशी कौल ने नाटक के क्षेत्र में अपनी कल्पनाशील सोच से अद्वितीय प्रयोग किये हैं। उन्होंने अपनी इस विधा में दुर्लभ शैलियों को संरक्षण प्रदान किया है। संस्कृति राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने आभार व्यक्त किया।
हाथकरघा एवं हस्तशिल्प मेले का शुभारंभ
राज्यपाल ओ.पी. कोहली ने कालिदास अकादमी परिसर में हाथकरघा एवं हस्तशिल्प मेले का शुभारंभ किया। उन्होंने मेले के स्टॉल का अवलोकन भी किया। कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय श्री एस.एस. पाण्डे ने कालिदास समारोह के आयोजन के बारे में जानकारी दी।
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