Patrakar Priyanshi Chaturvedi
फिर लौटे पत्रकारिता के नए अंदाज में
डिंडोरी और दिल्ली में धूम मचाने के बाद वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण दुबे फिर पत्रकारिता के पुराने, पर दबंग अंदाज में भोपाल लौटे हैं। उन्होंने हाल में जी-न्यूज ज्वाइन किया है। उन्हेें जी-न्यूज, मध्यप्रदेश का हेड बनाया गया है।
इसके पहले प्रवीण भास्कर डिजिटल के सरताज रहे। बतौर डिप्टी एडिटर दैनिक भास्कर डिजिटल को नए आयाम दिए। उनकी ज्वाइनिंग के साथ ही भोपाल में डिजिटल भास्कर की शुरूआत हुई। बिलकुल नए अंदाज और अलग ऑफिस कल्चर के साथ। ऑफिस में दबाव और तनाव से मुक्त रहकर काम करने की संस्कृति विकसित की गई है। प्रवीण की बदौलत ही आज भास्कर डिजिटल का पाठकीय सूचकांक इंटरनेट न्यूज की दुनिया में आसमान पर है। यह रेटिंग में भारत में 43 वीं और दुनिया में 400वीं रैंक पर है।
प्रवीण ने पत्रकारिता की पूरी सैद्धांतिक पढ़ाई माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता विवि और बरकतउल्ला विवि से की। इसके बाद 1995 में दैनिक नईदुनिया-भोपाल से पत्रकारिता की शुरुआत की। इसके बाद अमर उजाला, दैनिक भास्कर-इंदौर और आउट लुक-दिल्ली सहित कई समाचार पत्रों और चैनल्स में अपनी सेवाएं दीं और अपने को नामचीन पत्रकार के तौर पर स्थापित किया। चर्चित कार्यक्रम पोल खोल का आइडिया और इनपुट कंटेट प्रवीण का ही था। इस चर्चित प्रोग्राम के एंकर थे प्रख्यात अभिनता शेखर सुमन। भास्कर डिजिटल जैसी अपार्चनुटी छोडऩे की वजह पूछने पर कहते हैं कि मुख्य धारा की पत्रकारिता करनी थी। कुछ नया करने की कसक परेशान कर रही थी। भास्कर में प्राप्त पत्रकारिता का विलास छोड़कर जी-न्यूज ज्वाइन कर लिया। निरंतर समाचारों की खोज-पड़ताल रोमांचित करती है।
अब आगे क्या चाहना है? यह पूछने पर प्रवीण दार्शनिक अंदाज में कहते हैं कि कोई शिकायत नहीं जीवन से… जो जी करता गया, कई सारी वर्जनाएं तोड़ी… कभी रीढ़ टेढ़ी नहीं की… मन की शादी की, मन का रोजग़ार तलाशा… ईश्वर अभी तक साथ देता आ रहा है… आगे भी देगा… किसी का दिल नहीं दुखाया… संबंधों में बेईमानी नहीं बरती…। वे कहते हैं कि पत्रकारिता आज के दौर में भले ही चुनौतीपूर्ण हो गई हो लेकिन आपकी कीमत तभी लगाई जाएगी जबकि आप बिकने को तैयार होंगे। मैं किसी भी कीमत पर बिकने के लिए तैयार नहीं हॅू। क्योंकि इस जहां में, मैं अनमोल हूं।
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