टीवी चैनल लाएंगे प्रदेश टुडे वाले हृदेश दीक्षित
hirdesh dixit

महेश दीक्षित

मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया हाउस प्रदेश टुडे के मालिक हृदयेश दीक्षित जल्द ही न्यूज चैनल शुरू करने जा रहे हैं। यह समाचार-विचार (न्यूज-व्यूज) के साथ मनोरंजन चैनल भी होगा। लेकिन अभी चैनल्स पर जो कुछ भी दिखाया जा रहा है, प्रदेश टुडे का यह चैनल इन सबसे हटकर, कुछ अलग अंदाज में परदे पर उतरेगा। इसके साथ प्रदेश टुडे अपना प्रसार क्षेत्र बढ़ाते हुए जल्द प्रदेश टुडे के कुछ नए संस्करण करने की तैयारी में भी है। 

अभी प्रदेश टुडे का भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, रीवा, कटनी, छिंदवाड़ा, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र एवं नई दिल्ली समेत 13 स्थानों से अलग-अलग प्रकाशन हो रहा है। हृदयेश दीक्षित ने वर्ष 1989 में इंदौर के साप्ताहिक अखबार स्पूतनिक से पत्रकारिता की शुरुआत की। इसके बाद हृदयेश ने 1993 में दैनिक भास्कर में बतौर सिटी रिपोर्टर ज्वाइन किया। इंदौर में दैनिक भास्कर के स्टार रिपोर्टर साबित हो जाने के साथ ही वे भास्कर समूह की आंख का तारा बन गए। इसके बाद भास्कर ने उन्हें भोपाल ज्वाइन करने का प्रस्ताव दिया, तो उन्होंने भोपाल भास्कर में बतौर विशेष संवाददाता ज्वाइन कर लिया। इस दौरान भोपाल में काम करते हुए राजनीति और प्रशासन में हृदयेश दीक्षित ने अपनी अलग पहचान बनाई। लेकिन हृदयेश दीक्षित ने पत्रकारिता में ठहराव तो सीखा ही नहीं था, सो इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रानिक मीडिया की ओर रुख किया। जी-न्यूज और सहारा में दिल्ली से भोपाल तक कई दायित्वों का बखूबी निर्वाहन किया। जी-न्यूज और सहारा न्यूज में मप्र-छत्तीसगढ़ हेड रहे। पर इतने भर से हृदयेश दीक्षित को संतोष कहां था? 

ह्रदेश का  सपना खुद का मीडिया हाउस स्थापित करने का था। सो प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया का पर्याप्त अनुभव लेने के बाद वर्ष 2010 में उन्होंने प्रदेश टुडे के नाम से भोपाल से सांध्यकालीन अखबार शुरू किया। इसके जरिए हृदयेश दीक्षित ने मीडिया जगत में बिरला इतिहास रचा। मध्य प्रदेश की राजधानी से इससे पहले भी शाम के अखबार हुआ करते थे, लेकिन वे पाठकों में अपनी साख और धाक नहीं बना पाए। हृदयेश दीक्षित ने अपनी पत्रकारीय और व्यापारिक सूझ-बूझ से इसे पहले प्रदेश का और फिर देश का सबसे अधिक प्रसार संख्या वाला सांध्य दैनिक अखबार बना दिया। हृदयेश दीक्षित कहते हैं कि आगे बढऩा और सबको लेकर चलना चुनौती पूर्ण जरूर है, लेकिन यह बेहद आनंददायी है। वे कहते हैं कि जब तक हम पत्रकारिता में कुछ नया और दूसरों से अलग नहीं करेंगे, प्रतिस्पर्धा के इस दौर में अपनी अलग पहचान नहीं बनाए रख सकते हैं। प्रिंट मीडिया जगत में ऊंचाइयों के झंडे स्थापित करने के बाद अब हमारा टास्क इलेक्ट्रानिक मीडिया है।

Dakhal News 8 October 2016

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