भोपाल । मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिए गए। कैबिनेट ने प्रदेश के डेढ़ लाख पेंशनर्स को पेंशन एवं परिवार पेंशन में छठे और सातवें वेतनमान पर महंगाई राहत राशि बढ़ाने, कोदों-कुटकी का पहली बार समर्थन मूल्य पर उपार्जन और किसानों को सोयाबीन पर मार्केट रेट से कम कीमत मिलने पर लागू होने वाली भावांतर योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत किसानों को एमएसपी और मंडी रेट के बीच की कमी का भुगतान राज्य सरकार करेगी।
प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक में लिए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट प्रमुख कोदो-कुटकी उत्पादक जिलों के कृषकों से पहली बार कोदो-कुटकी उपार्जन का किये जाने का निर्णय लिया, जिससे अधिक से अधिक जनजातीय कृषकों को फायदा होगा। इसके लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना अंतर्गत प्रमुख कोदो-कुटकी उत्पादक जिलों जबलपुर, कटनी, मण्डला, डिंडोरी, छिंदवाडा, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया, रीवा, सीधी एवं सिंगरौली के कृषकों से कोदो-कुटकी का उपार्जन किया जायेगा। साथ ही अन्य जिलों से मांग आने पर उन जिले के कृषकों से भी उपार्जन किये जाने पर विचार किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि श्रीअन्न उत्पादक जिलों के कृषकों से श्रीअन्न कंसोर्टियम ऑफ फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (श्रीअन्न फेडरेशन) द्वारा कोदो-कुटकी का उपार्जन किया जायेगा। खरीफ 2025 में उत्पादित श्रीअन्न कुटकी 3500 रुपये प्रति क्विंटल एवं कोदो 2500 रुपये प्रति क्विंटल के मान से लगभग 30 हजार मेट्रिक टन का उपार्जन किया जायेगा। इसके लिए श्रीअन्न फेडरेशन को 80 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण शासन के मूल्य स्थिरीकरण कोष से प्रदाय किया जायेगा। इसके अतिरिक्त कृषको को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1000 रुपये प्रति क्विंटल के मान से संबंधित कृषकों के खातों में डीबीटी के माध्यम से प्रदाय किये जाएंगे।
सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना की स्वीकृति
विजयवर्गीय ने बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा खरीफ वर्ष 2025 में प्रदेश के सोयाबीन के किसानों को लाभांवित किये जाने के लिए भारत सरकार की प्राईज डिफिसिट पेमेन्ट स्कीम लागू की गयी है, जो प्रदेश में भावांतर योजना कहलायेगी। प्रदेश में सोयाबीन भावांतर योजनांतर्गत 24 अक्टूबर, 2025 से 15 जनवरी, 2026 तक सोयाबीन का विक्रय, राज्य की अधिसूचित मंडियों में किया जाएगा। प्रदेश की मंडियों में 14 दिवस के सोयाबीन के विक्रय मूल्य के भारित (वेटेड) औसत के आधार पर सोयाबीन के मॉडल रेट की गणना की जायेगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य से विक्रय दर/मॉडल रेट अंतर की राशि पंजीकृत कृषकों के पोर्टल पर दर्ज बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से अंतरित की जायेगी। एम.एस.पी 5238 रुपये है।
'रेशम समृद्धि योजना'' के क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कैबिनेट भारत सरकार की सिल्क समग्र-2 योजना को 25% राज्यांश के साथ, राज्य में रेशम समृद्धि योजना के रूप में क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। योजना अंतर्गत हितग्राहियों को रेशम उत्पादन संबंधी 23 गतिविधियों में सहायता प्राप्त होगी, जिसमें सामान्य वर्ग के हितग्राही को इकाई लागत की 75 प्रतिशत और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 90 प्रतिशत आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। इसमें क्रमशः 25 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत हितग्राही अंश रहेगा। योजना के क्रियान्वयन से मलबरी, वन्या और पोस्ट ककून क्षेत्रों में हितग्राहियों की सतत् रोजगार उपलब्ध होने के साथ उनकी आय में वृद्धि होगी।
वर्तमान में कुल लागत इकाई राशि रुपये 3.65 लाख होती थी जिसमें 2.0875 लाख राज्य शासन से राज्य सहायता प्राप्त होती थी। रेशम समृद्धि योजना में इकाई की कुल लागत राशि रूपये 5 लाख होगी। उसमें से सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को केन्द्रांश राशि 2.50 लाख रुपये, राज्यांश राशि 1.25 रुपये लाख एवं हितग्राही का अंश राशि 1.25 रुपये लाख तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को केन्द्रांश राशि 3.25 लाख, राज्यांश राशि 1.25 लाख एवं हितग्राही का अंश राशि 0.50 लाख रुपये होगा। यह योजना रेशम किसानों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगी।
प्रदेश में ( राम्प)" योजना को सैद्धांतिक स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, नई दिल्ली की "एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाना और तेज करना" (रेजिंग एंड एक्सेलेरेटिंग एमएसएमई) योजना को प्रदेश में सैद्धांतिक रूप से लागू किये जाने की स्वीकृति दी गयी हैं। योजनान्तर्गत प्रदेश के लिए स्वीकृत बजट 105 करोड़ 36 लाख रुपये अन्तर्गत राज्यांश की 30 प्रतिशत राशि 31 करोड़ 60 लाख रुपये की स्वीकृति दी गयी है।
पेंशनर और परिवार पेंशनर को देय महंगाई राहत की दर में वृद्धि
विजयवर्गीय ने बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य के शासकीय पेंशनरों परिवार पेंशनरों को देय मंहगाई राहत की दर में वृद्धि किये जाने का निर्णय लिया गया हैं। राज्य के पेंशनरों/परिवार पेंशनरों को वर्तमान में देय मंहगाई राहत सातवें वेतनमान अंतर्गत 53 प्रतिशत एवं छठवें वेतनमान अंतर्गत 246 प्रतिशत में 1 सितम्बर 2025 (भुगतान माह अक्टूबर, 2025) से वृद्धि की जाकर कुल मंहगाई राहत सातवें वेतनमान अंतर्गत 55 प्रतिशत एवं छठवें वेतनमान अंतर्गत 252 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया हैं। शासकीय पेंशनरों-परिवार पेंशनरों को मंहगाई राहत में वृद्धि करने पर राज्य के कोष पर इस वितीय वर्ष में लगभग 170 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आयेगा। छत्तीसगढ़ शासन के पत्र 25 अगस्त 2025 के अनुक्रम में सहमति प्रदान किये जाने के लिए निर्णय लिया गया है।
''सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना 2021 में नए प्रावधान सम्मिलित करने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद् द्वारा प्रदेश के "सरदार पटेल कोचिंग प्रशिक्षण योजना वर्ष 2021" के विद्यमान प्रावधानों के साथ अन्य प्रावधानों को सम्मिलित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 एवं आगामी वित्तीय वर्ष 2026-27 में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के 5 हजार युवाओं को विभिन्न रोजगारोन्मुखी प्रतियोगी परीक्षाओं का निःशुल्क परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा आरक्षक (विसबल) 620 अरुण सिंह भदौरिया, 15वीं वाहिनी विसबल, इंदौर को प्रधान आरक्षक (विसबल) के पद पर क्रम से पूर्व पदोन्नति प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है।