नए उद्योग लगाने वालों को 70 प्रतिशत सब्सिडी के साथ ब्याज और बिजली में भी दी जाएगी छूटः मुख्यमंत्री डॉ. यादव
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रतलाम । डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार मशीन आधारित की बजाय रोजगारपरक उद्योगों की स्थापना को प्राथमिकता दे रही है। नए उद्योग लगाने वालों को 70 प्रतिशत सब्सिडी के साथ ब्याज और बिजली में भी छूट दी जाएगी। आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे। आलीराजपुर के आदिवासी भाई-बहनों को हीरा उद्योग में काम के लिए सूरत जाना पड़ता है। इसलिए यहां हीरा कटाई और पॉलिशिंग के उद्योग लाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को रतलाम जिला मुख्यालय पर सैलाना रोड स्थित विधायक सभागृह में अखिल भारतीय वनवासी ग्रामीण मजदूर महासंघ के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने धार और झाबुआ में नए मेडिकल कॉलेज खोलने और रोजगारपरक उद्योगों को 70 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि धार और झाबुआ में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। नए औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए पक्के आवास बनाए जाएंगे। साथ ही बंद पड़े उद्योगों के बकाया भुगतान के लिए सरकार प्रयासरत है। इसी कड़ी में रतलाम की बंद पड़ी सज्जन मिल के श्रमिकों का बकाया भुगतान किया जाएगा।


इस अवसर पर मंत्री एमएसएमई मंत्री चैतन्य काश्यप, महापौर प्रहलाद पटेल समेत महासंघ के पदाधिकारी मौजूद रहे। अधिवेशन में प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उड़ीसा के करीब 300 प्रतिनिधियों के साथ भारतीय मजदूर संघ से संबंधित संगठनों के करीब तीन हजार श्रमिक शामिल हुए हैं। सभा के दौरान मंच पर स्थान नहीं मिलने से नाराज होकर रतलाम ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामोर नाराज होकर लौट गए। वे अकेले ही अपने सुरक्षाकर्मी के साथ सभास्थल से लौटते नजर आए।


नाराज विधायक डामोर ने बाहर आकर मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं रतलाम ग्रामीण का विधायक हूं, आदिवासी हूं। महापौर मंच पर बैठा है और मुझे नीचे ऐसी जगह बैठाया है, जहां हवा भी नहीं आ रही है। इस संबंध में आयोजक और वनवासी ग्रामीण मजदूर संघ के प्रभारी जयंतीलाल ने कहा कि कहीं ना कहीं चूक हुई है। विधायक हमारे है, हम उनके पास जाएंगे, क्षमा मांगकर उन्हें मना लेंगे।


अखिल भारतीय मजदूर संघ के संगठन मंत्री बी सुरेंद्रन ने मनरेगा में नीतिगत बदलाव की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मिलने वाले 100 दिन के रोजगार को बढ़ाकर 200 दिन किया जाना चाहिए। सुरेंद्रन ने कहा कि पलायन रोकना अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य है। इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि विकास के साथ आजीविका के प्रयास होने चाहिए और विस्थापन से पहले पुनर्वास सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस दौरान पवन पंथ के पीठाधीश्वर संत भूरालाल महाराज उपस्थित रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता वनवासी ग्रामीण मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मथूर भाई मालिवाड़ ने की।


वनवासी ग्रामीण मजदूर संघ के प्रभारी जयंतीलाल ने कहा कि वनवासी क्षेत्रों में आदिवासी भाइयों का विस्थापन और पलायन दो प्रमुख समस्याएं हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार इन मुद्दों पर नीति बनाए और विस्थापन से पहले पुनर्वास सुनिश्चित करे। जनजातीय क्षेत्रों में तकनीकी और रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

 

Dakhal News 15 April 2025

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