भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने की पहल: कोलार में भिक्षुकों के लिए आश्रय स्थल
भोपाल

भोपाल में भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है। भोपाल कलेक्टर ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए तीन प्रमुख बिंदुओं पर काम शुरू किया है। कलेक्टर का कहना है कि इस योजना के तहत भिखारियों को आश्रय स्थल में खानपान और रुकने की सुविधाएं दी जाएंगी, साथ ही भिक्षावृत्ति करने वालों का सर्वे और उनका पुनर्वास किया जाएगा।

भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने की पहल

भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भिक्षावृत्ति को लेकर प्रशासन की नई पहल की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजधानी भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने के उद्देश्य से तीन प्रमुख बिंदुओं पर काम किया जा रहा है।

  1. आश्रय स्थल में खानपान और रुकने की व्यवस्था
    कलेक्टर ने कहा कि कोलार स्थित आश्रय स्थल में भिक्षुकों के लिए खानपान और रुकने की व्यवस्था की जाएगी। यहां उन्हें उनके बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

  2. भिक्षावृत्ति करने वालों का सर्वे और प्रतिस्थापन
    कलेक्टर ने यह भी बताया कि प्रशासन ने एक सर्वे किया है और कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं पाया गया है, जिसके पास रहने की व्यवस्था न हो। उन्होंने भिखारियों से जुड़े बच्चों और वृद्धों का विशेष ध्यान रखने की बात कही, ताकि वे इस अव्यवस्था का हिस्सा न बनें और उनका भला किया जा सके।

  3. भिक्षुक गृह के रूप में नए आदेश जारी
    कलेक्टर ने यह घोषणा भी की कि भिखारियों के प्रतिस्थापन के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और कोलार स्थित आश्रय स्थल को भिक्षुक गृह के रूप में नया आदेश जारी किया गया है। इसका उद्देश्य भिखारियों को पूरी तरह से नियंत्रित करना है, ताकि वे पुनः भिक्षावृत्ति में संलिप्त न हों।

प्रशासन की सक्रियता

इस पहल को लेकर प्रशासन की सक्रियता की सराहना की जा रही है। कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन ने इस योजना को गंभीरता से लिया है और पूरी कोशिश की जा रही है कि भोपाल को भिखारी मुक्त बनाया जा सके। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान में सामाजिक संस्थाओं और जनसाधारण की भागीदारी भी अहम होगी।

निष्कर्ष

Dakhal News 5 February 2025

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