सत्येंद्र शर्मा का अनोखा विरोध प्रदर्शन: दंड भरकर जनसुनवाई में आवेदन
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय

महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में छात्र नेता सत्येंद्र शर्मा ने विश्वविद्यालय प्रबंधन की अनियमितताओं के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए, बल्कि जनसुनवाई में आवेदन देने के लिए दंड भरकर यह सब किया, जो एक नई और अनोखी पहल साबित हुई। शर्मा का यह कदम विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोपों को उजागर करने की ओर इशारा करता है।

सत्येंद्र शर्मा का प्रदर्शन

सत्येंद्र शर्मा ने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली और फैसलों के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रशासन से जवाबदेही की मांग की। उनके अनुसार, विश्वविद्यालय के प्रशासन ने कई गंभीर अनियमितताओं को अनदेखा किया है, जिससे छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय पर भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोप लगाते हुए कहा कि कई फैसले छात्रों की भलाई के खिलाफ लिए जा रहे हैं और प्रशासन की कार्यशैली में पारदर्शिता का अभाव है।

दंड भरकर जनसुनवाई में आवेदन

इस प्रदर्शन में सत्येंद्र शर्मा की विशेषता यह रही कि उन्होंने अपने विरोध का तरीका भी अनोखा अपनाया। शर्मा ने जनसुनवाई में आवेदन देने के लिए पहले दंड भरा, जिससे उनके विरोध की गंभीरता को और भी स्पष्ट किया। उनका यह कदम विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ उनके गुस्से और नाराजगी को प्रदर्शित करता है। इस तरीके से उन्होंने प्रशासन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और यह दिखाया कि वह किसी भी कीमत पर न्याय की मांग करने से पीछे नहीं हटेंगे।

विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप

सत्येंद्र शर्मा ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोप लगाए। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय में कई निर्णय छात्रों के हित में नहीं लिए जा रहे और शिक्षा के स्तर को गिराने वाले कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से यह सवाल किया कि छात्रों के भविष्य के साथ ऐसा क्यों हो रहा है और इसके लिए जिम्मेदार कौन है। शर्मा ने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली को एक गंभीर मुद्दा बताते हुए उसकी जवाबदेही की मांग की।

छात्र नेताओं का विरोध

सत्येंद्र शर्मा के इस अनोखे विरोध प्रदर्शन को छात्र समुदाय में काफी समर्थन मिल रहा है। कई छात्रों का मानना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की अनियमितताओं के खिलाफ यह एक जरूरी कदम है। छात्र नेताओं का कहना है कि सत्येंद्र शर्मा ने एक साहसिक कदम उठाया है और उनका यह कदम अन्य छात्रों को भी प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेगा।

निष्कर्ष

Dakhal News 5 February 2025

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