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एमपी और राजस्थान सीमा पर स्थित बिलौदा गांव में वन विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों और ग्रामीणों से अवैध वसूली करने का एक मामला सामने आया है। इस घटना में वन विभाग के अधिकारी किसानों से जबरन 35 हजार रुपए वसूलने के बाद गांव वालों के विरोध का सामना करने लगे और बाद में माफी मांगते हुए बमुश्किल अपनी जान बचाकर वहां से भागे।
घटना का विवरण
28 जनवरी को फतेहगढ़ वन विभाग के अधिकारियों ने बिलौदा गांव में एक किसान से जबरन 35 हजार रुपए की वसूली की थी। इसके बाद, 1 फरवरी को वन विभाग के अधिकारी फिर से बिलौदा पहुंचे और एक किसान की जेसीबी मशीन को फतेहगढ़ लाने की कोशिश की। इस बार यह खबर पूरे गांव में फैल गई और ग्रामीणों ने मिलकर वन विभाग की टीम को घेर लिया।
ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों के वाहन के पहियों की हवा निकाल दी और अधिकारियों को बंधक बना लिया। बाद में अधिकारियों ने माफी मांगी और किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भागे। खबर है कि वन विभाग की टीम ने जो 35 हजार रुपए वसूले थे, उसमें से 20 हजार रुपए ग्रामीणों को वापस किए और बाकी 15 हजार रुपए बाद में लौटाने का वादा किया।
DFO का बयान
इस मामले पर डीएफओ अक्षय राठौर का कहना है कि गणेशपुरा गांव के पास नदी में अवैध उत्खनन हो रहा था और उनकी टीम को इस बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद टीम ने अवैध रूप से चल रही जेसीबी का पीछा किया, जो बिलौदा गांव तक पहुंच गई। वहां ग्रामीणों ने जेसीबी को रोक लिया और टीम को बंधक बना लिया।
अब यह देखना होगा कि इस घटना के बाद वन विभाग और प्रशासन क्या कदम उठाता है और इस प्रकार की अवैध वसूली की घटनाओं पर कैसे अंकुश लगाया जाता है।
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