मध्य प्रदेश सरकार 24 और 25 फरवरी 2025 को भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) का आयोजन कर रही है। इस समिट में 20,000 उद्योग प्रतिनिधि और 1,000 विदेशी निवेशक शामिल होंगे। समिट के दौरान, भोपाल और आसपास के क्षेत्रों की बड़ी कंपनियों की ब्रांडिंग भी की जाएगी। इसके अलावा, समिट में लिए गए फैसलों पर तत्काल शासन की मोहर लगेगी, ताकि निवेशकों के लिए निवेश की प्रक्रिया और आसान हो सके। यह समिट मध्य प्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदलने वाली होगी, और प्रदेश को वैश्विक निवेशकों के लिए एक प्रमुख हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
जीआईएस का आयोजन भोपाल में: प्रदेश की रणनीति
वाइब्रेंट गुजरात की तर्ज पर 2007 में मध्य प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत हुई थी, जो पहले इंदौर में आयोजित होती थी। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयासों से यह समिट पहली बार भोपाल में आयोजित हो रही है। उद्योग विभाग के अधिकारी समिट की तैयारी में जुटे हुए हैं।
इस बार समिट के लिए प्रदेश की ब्रांडिंग को खासतौर पर ध्यान में रखा गया है। इलेक्ट्रिक व्हीकल और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए जापान और चीन के उद्योगपतियों को निवेश के लिए आकर्षित किया गया है, जबकि यूरोप में फार्मा सेक्टर और अमेरिका में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर सरकार का फोकस रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यूके और जर्मनी के उद्योगपतियों को निवेश के लिए व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण दिया है।
भोपाल में आयोजन: बेहतर समन्वय और सुविधाएं
समिट को भोपाल में आयोजित करने का एक प्रमुख कारण यह है कि इंदौर में आयोजन होने पर पूरा सरकारी तंत्र भोपाल से इंदौर भेजा जाता था, जिससे समन्वय में दिक्कतें आती थीं। अब जब समिट राजधानी भोपाल में होगी, तो सरकारी तंत्र और विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना आसान होगा, और निवेशकों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध रहेंगी।
इसके अलावा, मध्य प्रदेश सरकार ने यह प्रस्ताव रखा है कि प्रदेश की बड़ी इंडस्ट्रीज मेहमानों की जिम्मेदारी लें और उनके ठहरने और अन्य सुविधाओं का इंतजाम अपने स्तर पर करें, ताकि निवेशकों को एक यादगार अनुभव मिल सके। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले ही आगंतुकों के लिए होम स्टे की व्यवस्था करने की बात कही है।
निवेशकों के लिए हर सुविधा
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 20,000 उद्योग प्रतिनिधि और 1,000 विदेशी निवेशक शामिल होंगे, जो मध्य प्रदेश के विकास के लिए नई दिशा देंगे। इस समिट में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनके सहयोगी अधिकारी निवेशकों के लिए सभी जरूरी फैसले तुरंत लागू करेंगे, ताकि प्रदेश में निवेश प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए। यह समिट मध्य प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, जिससे राज्य के विकास में नया मोड़ आएगा।