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केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत विधानसभा सीट रही बुधनी के उपचुनाव (Budhni Bypoll) में भी प्रचार का मोर्चा उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान संभालेंगे। विधानसभा चुनाव 2023 में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी शिवराज तो पूरे प्रदेश में प्रचार कर रहे थे, पर बुधनी में प्रचार और चुनाव प्रबंधन का काम कार्तिकेय ही संभाल रहे थे।
कार्तिकेय इस चुनाव में खुद टिकट की दौड़ में थे, लेकिन भाजपा ने विदिशा के पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी नेताओं के अनुसार, इन दिनों शिवराज चुनाव प्रभारी होने के कारण झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी में व्यस्त हैं। वह बुधनी उपचुनाव में प्रचार के लिए कम समय दे पाएंगे, हालांकि कार्यकर्ताओं से संवाद और बैठकें लेकर वह भाजपा की जीत सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
मध्य प्रदेश में बुधनी विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव भी हाई प्रोफाइल सीट में तब्दील हो गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी से छह बार विधायक रहे हैं, इसलिए उनकी प्रतिष्ठा इस उपचुनाव में दांव पर लगी है।
मौजूदा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव भी चौहान के पारिवारिक सदस्य की तरह ही हैं, इसलिए चुनौती यही है कि जीत का अंतर बरकरार रहे। प्रदेश चुनाव समिति ने प्रत्याशी चयन के पैनल में दूसरे नंबर पर कार्तिकेय का नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजा था।
यही वजह है कि कार्तिकेय सक्रिय नहीं हुए, तो संदेश जाएगा कि टिकट न मिलने से उन्होंने भाजपा के पक्ष में काम नहीं किया। रमाकांत की दूसरी चुनौती यह है कि कांग्रेस ने बुधनी से राजकुमार पटेल को प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
पटेल उसी किरार जाति से आते हैं, जिससे शिवराज आते हैं। ऐसे में एक डर और बढ़ गया है कि कहीं जातिगत समीकरणों के चलते शिवराज का परंपरागत वोट भाजपा से दूर न चला जाए। नतीजतन, जिम्मेदारी कार्तिकेय को ही संभालनी है।
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