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भोपाल के प्राइवेट स्कूल में 3 साल की बच्ची से रेप के मामले में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। टीटी नगर एसडीएम डॉ. अर्चना शर्मा रावत ने सोमवार को रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को सौंप दी है। रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल प्रबंधन ने आरोपी टीचर का न तो वेरिफिकेशन किया और ही डॉक्यूमेंट चेक किए थे।
एसडीएम ने बताया कि जांच में लापरवाही पाई गई है। स्कूल मैनेजमेंट अलर्ट रहता, तो शायद घटना नहीं होती। जांच के दौरान स्टाफ, पेरेंट्स और बच्चों से बात की गई थी। स्कूल की मान्यता रद्द करने का फैसला कमेटी लेगी।
इससे पहले, शनिवार को बाल आयोग की टीम ने स्कूल का दौरा कर केस से जुड़ी अहम जानकारियां मांगी थीं, जो स्कूल की ओर से टीम को मुहैया करा दी गई हैं। केस की जांच कर रही एसआईटी ने भी स्कूल की प्रिंसिपल, बच्ची की क्लास टीचर, क्लास रूम में तैनात दो अन्य लोगों के बयान लिए हैं। पुलिस मंगलवार तक चालान पेश कर सकती है।
जिला शिक्षा केंद्र ने वेरिफिकेशन को लेकर लिखा है लेटर
ये मामला सामने आने के बाद पुलिस और प्रशासन एक्शन में आया है। जिला शिक्षा केंद्र ने सभी प्राइवेट स्कूलों के प्राचार्यों को 19 सितंबर को लेटर जारी किया कि उनके यहां सभी शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ का चारित्रिक व पुलिस वेरिफिकेशन करवाएं। जिसके बाद करीब 100 स्कूलों से जानकारी मिल भी चुकी है।
भोपाल में नर्सरी, प्रायमरी, मीडिया, हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों की संख्या 1560 हैं। वहीं, 433 मदरसे हैं। एक स्कूल या मदरसे में औसत 20 कर्मचारियों के स्टाफ के हिसाब से मानें तो करीब 40 हजार लोगों का स्टाफ है।
अच्छा रिकॉर्ड नहीं या आपराधिक केस वालों को नहीं रख सकते
प्रभारी डीपीसी ओपी शर्मा ने बताया कि प्राइवेट स्कूल और मदरसे के लिए आदेश जारी किए हैं। स्कूल संचालक या प्रिंसिपल से कहा गया है कि वे स्टाफ की जानकारी दें। उन पर आपराधिक मामला तो नहीं? पुलिस वेरिफिकेशन करवाएं और फिर रिपोर्ट ऑफिस में दें। वहीं, नए स्टाफ को रखते समय पुलिस वेरिफिकेशन जरूर करवाएं। रिकॉर्ड अच्छा नहीं है या फिर आपराधिक मामला हो, तो ऐसे व्यक्ति को नहीं रखा जा सकेगा। बावजूद ऐसा होता है, तो स्कूल के संबंध में कार्रवाई की जाएगी।
इनका वेरिफिकेशन जरूरी: विषय विशेषज्ञ शिक्षक, खेल शिक्षक, केयर टेकर, कम्प्यूटर ऑपरेटर, गार्ड, सफाईकर्मी, माली, बस ड्राइवर, कंडक्टर, बिजलीकर्मी, क्लीनर।
चार दिन पहले हिंदू संगठनों ने किया था स्कूल पर प्रदर्शन
बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आने के दूसरे दिन गुरुवार को हिंदू संगठनों ने स्कूल में प्रदर्शन किया था। जिसके बाद स्कूल को सील कर दिया गया था। प्रदर्शन करने वालों में एबीवीपी, करणी सेना, संस्कृति बचाओ मंच के कार्यकर्ता, नूतन कॉलेज समेत कुछ प्राइवेट कॉलेज के स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। उनकी मांग थी कि स्कूल की मान्यता रद हो, आरोपी टीचर कासिम रेहान (33) को फांसी की सजा दी जाए।
स्कूल में छात्र - छात्राओं के सुरक्षा इंतजामों की जांच
कमला नगर स्थित स्कूल में बच्ची के साथ रेप का मामला बुधवार को सामने आया था। आरोपी स्कूल का आईटी प्रोफेशनल था। प्रदर्शन के बाद टीटी नगर एसडीएम डॉ. अर्चना रावत शर्मा ने स्कूल के अंदर से अनाउंस किया कि स्कूल की मान्यता रद्द करने को लेकर प्रस्ताव बना रहे हैं। डॉ. रावत ने धरना दे रहे लोगों को नियम भी समझाया कि यह प्रस्ताव कमेटी में जाएगा, फिर मान्यता रद्द करने की कार्रवाई होगी, इसलिए धरना प्रदर्शन खत्म कर दें।
स्कूल की अनियमितताओं की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया था। 4 सदस्यीय जांच समिति ने 3 दिन में स्कूल में छात्र - छात्राओं के सुरक्षा इंतजाम के पॉइंट पर जांच की है।
जांच समिति में ये 4 अफसर
1 . डॉ. अर्चना शर्मा, एसडीएम, टीटी नगर
2 . सुनील सोलंकी, कार्यक्रम अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग, भोपाल
3 . एनके अहिरवार, जिला शिक्षा अधिकारी
4 . ओमप्रकाश शर्मा, जिला समन्वयक, शिक्षा केंद्र
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