स्विट्जरलैंड का दूल्हा और जर्मनी की दुल्हन
Swiss groom and German bride

स्विट्जरलैंड का दूल्हा, जर्मनी की दुल्हन, स्पेन में मुलाकात, हिंदुस्तान में शादी… जी हां और सबसे खास बात, इस शादी में चंबल वाले बाराती बने. मध्य प्रदेश के शिवपुरी में हुई ये अनूठी शादी इन दिनों खूब चर्चा में है. सात समुंदर पार से आकर इस विदेशी जोड़े ने हिंदू रीति रिवाज से देसी स्टाइल में विवाह रचाया है. इस अनोखी जोड़ी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे. लोगों ने विदेशी कपल को न सिर्फ शादी, बल्कि आगे के जीवन के लिए भी शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया. इस शादी में डीजे था, बैंड-बाजे थे, घोड़ा-बग्गी थी, रोड लाइट थी और इन सब तमाम इंतजाम के बीच इनका हौसला बढ़ाने के लिए चंबल के लोग भी थे. जिन्होंने नाच गाकर बारात में शामिल होकर विवाह के उत्साह को चार गुना बढ़ा दिया. वहीं, इसके बाद दावत देने के लिए रिसेप्शन भी रखा गया था.

आध्यात्मिक गुरु बने प्रेरणास्रोत

स्विट्जरलैंड के मार्टिन और जर्मनी की उलरिके वैदिक सनातन परंपरा के पाणिग्रहण संस्कार द्वारा परिणय सूत्र में बंधे. दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई, शादी में शामिल होने आए शिवपुरी के लोगों ने पुष्प वर्षा और अक्षत डालकर दोनों को आशीर्वाद दिया. यह शादी नक्षत्र गार्डन में संपन्न हुई. देश के जाने-माने आध्यात्मिक गुरु डॉ. रघुवीर सिंह गौर इस शादी के प्रेरणा स्रोत रहे.

स्पेन में हुई थी पहली बार मुलाकात

ज्यूरिक निवासी 45 साल के मार्टिन पेशे से लीगल ऑडिट कंपनी में अधिकारी हैं. वह गुरु रघुवीर सिंह से पांच साल से संपर्क में हैं. फिर वह गुरुजी के दर्शन करने भारत आने लगे. जर्मनी के म्यूनिख शहर की उलरिके 48 साल की हैं. वह पेशे से नर्स हैं. दोनों की पहली मुलाकात एक यात्रा के दौरान स्पेन में हुई थी. बाद में दोनों में फोन पर बातें होती रहीं और दिल मिल गए. मार्टिन गुरुजी के सानिध्य में शादी करना चाहते थे.

टीवी पर देखी हिंदू रीति रिवाज से शादी

उलरिके ने बताया कि मैं सोशल मीडिया के जरिए गुरुजी से जुड़ी. मैंने भारत के बारे में जाना, उनके आध्यात्मिक प्रवचनों से प्रेरित हुई. भारतीय संस्कृति में रुचि बढ़ी, टीवी पर हिंदू रीति से शादी देखी. गुरुजी के माध्यम से मार्टिन से स्पेन में छुट्टियों में मुलाकात हुई और प्रेम हो गया. गुरुजी ने शादी को अंजाम तक पहुंचाया.

शादी चर्च में उचित नहीं लगी

मार्टिन का कहना है कि मेरी मुलाकात उलरिके से स्पेन में हुई. गुरुजी से पांच साल से जुड़ा हूं, भारत आकर उनसे मुलाकात की. शादी के समय तीसरी बार भारत आया हूं. मुझे शादी चर्च में उचित नहीं लगी, मेरे लिए सबसे ज्यादा जरूरी गुरुजी का आशीर्वाद था. उनसे मेरी शादी के लिए बातचीत हुई तो उन्होंने भारतीय संस्कृति के बारे में बताया, जिससे मैं प्रभावित हुआ और हिंदू परंपरा से शादी करने को तैयार हो गया.

लड़का-लड़की ने भारत आकर प्रेम विवाह किया

इस शादी को कराने वाले शक्तिपात के विशेषज्ञ डॉ. रघुवीर सिंह गौर ने बताया मार्टिन खुद योग गुरू हैं, ये मुझसे प्रभावित हुए. भारत आकर मुझसे मिले. लड़की भी मिलने आई, यहां के जीवन को लेकर चर्चा होती थी तो ये सोलह संस्कार से प्रभावित हुए. इनका ये प्रेम विवाह है. इन्हें परिणय संस्कार अच्छा लगा, क्योंकि इसकी साक्षी अग्नि होती है. चूंकि, इन्होंने मुझे गुरु मान लिया था, इसलिए वैदिक हिंदू रीति से मेरे सानिध्य में शादी की.

 

Dakhal News 22 July 2024

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