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21 November 2024कोटा होते हुए उज्जैन आए थे भगवान श्रीकृष्ण
मध्यप्रदेश में राम वन गमन पथ निर्माण का मामला अभी अधर में ही लटका है। इस बीच मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनते ही श्रीकृष्ण गमन पथ को विकसित करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मथुरा से जिस रास्ते भगवान् कृष्ण उज्जैन आये थे अब उस फोकस किया जा रहा है। श्री कृष्ण ने शिक्षा ग्रहण करने के किये उज्जैन में ऋषि सांदीपनि के आश्रम में रहे थे। भोपाल से उज्जैन तक अब उस मार्ग को विकसित करने की प्लानिंग है। जिस रास्ते से भगवान् कृष्ण द्वापर में मथुरा से उज्जैन पहुंचे थे। अब मध्य प्रदेश शासन इस मार्ग को 'श्रीकृष्ण गमन पथ' के रूप में विकसित करना चाहता है। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने इसकी घोषणा की है। द्वापर युग में श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बलदाऊ के साथ सांदीपनि ऋषि से शिक्षा ग्रहण करने उज्जैन आए थे। पुरातात्विक और साहित्यिक प्रमाणों के आधार पर बताते हैं। भगवान मथुरा से रणथंबौर कोटा होते हुए उज्जैन पहुंचे थे। पुराविद् डा. रमण सोलंकी ने बताया कि डा. मोहन यादव 18 साल पहले ही इस दिशा में काम शुरू कर चुके हैं। उन्होंने श्रीकृष्ण गमन पथ की खोज के लिए पुराविद व साहित्यकार स्व. डा. श्यामसुंदर निगम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। विद्वानों का मत है कि भगवान श्रीकृष्ण तीन बार उज्जैन आए। पहली बार शिक्षा ग्रहण करने, दूसरी बार रुक्मिणी विवाह के लिए तथा तीसरी बार उज्जैन की राजकुमारी मित्रवृंदा से विवाह करने उज्जैन पहुंचे थे। ऋषि सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करने उज्जैन आए भगवान कृष्ण सांदीपनि आश्रम में चौंसठ दिन तक रहे। उज्जैन निवासी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का 'श्रीकृष्ण गमन पथ' निर्माण एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस पर वे पिछले दो दशकों से काम करवा हैं। भोपाल में इसे लेकर जैसी तैयारी है उससे लगता है अगले कुम्भ के पहले यह काम पूरा हो जाएगा।
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23 December 2023
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