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माँ महीनों से खा रही है दर-दर की ठोकरें
एक त्रेतायुग का बेटा था श्रवण कुमार जिसने अपने अंधे माँ-बाप की सेवा कर मिशाल कायम की ...और एक ये कलयुग का बेटा हैं पटवारी जिसने अपनी माँ की ही जमीन हड़पकर उसे दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दी।
यह मामला डिंडौरी का है जहां अलोनी गांव की रहने वाली विमला बाई ने बताया की मेरे इकलौते बेटे अविनाश कुरसेनगा ने षड्यंत्र के तहत अपने बीमार पिता से दस्तखत करवा कर जमीन जायदाद अपने नाम कर लिया और घर पर ताला लगाकर मुझे दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया विमला बाई ने बताया की उसके तीन बच्चे हैं एक बेटा और दो बेटियां हैं उसके पति हरेराम कुरसेनगा की मौत 2020 में हो गई वो लकवा से ग्रसित थे लेकिन मौत से पहले अविनाश ने उसने धोखे से दस्तखत करवा ली विमला बाई ने कहा की बेटे से पति की मौत के बाद जब मैंने फोतिनामा कटवाने का बोला तो उसने यह कह दिया की पिताजी की सारी संपत्ति मेरे नाम में है धीरे-धीरे उसने सब जगह कब्ज़ा कर लिया मैंने इसकी शिकायत अमरपुर पुलिस चौकी में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में और कलेक्टर से भी की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है अब में लाचार बेसहारा कहाँ भटकूं।
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