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आखाड़े पर वर्चस्व को लेकर संत हुए आमने-सामने
पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा हैं।अखाड़े में वर्चस्व की जंग जारी है। इस मामले में संत एक दूसरे के आमने सामने आ गए हैं। धर्मनगरी हरिद्वार में अखाड़े में अपने वर्चस्व को लेकर संत ही आमने सामने खड़े हो गए हैं। कनखल श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में संतों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द कर और अपनी निजी संपत्ति अर्जित करने के मामले में अखाड़े द्वारा महंत रघुमुनि, महंत दामोदर दास,महंत दर्शन दास ,महंत अग्रदास, को अखाड़े से निष्कासित किया गया था। उदासीन संगत फुलवारी शरीफ पटना बिहार के महंत दयानंद मुनि ने श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन से निष्कासित महंतों के पक्ष में कहा अखाड़े की कई संपत्तियों को बेचा गया है इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। अखाड़े में महंत बनाने और हटाने की जो परंपरा है वह पंच परमेश्वर का विषय नहीं है। संप्रदाय के अपने-अपने गुरु परंपरा के महंतों का विषय है। पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गा दास का कहना है कि विश्व हिंदू परिषद की बैठक में एक महात्मा हरिद्वार आये थे। मगर उन्होंने अराजक तत्व के भड़कावे में आकर अखाड़े के विरुद्ध दुष्प्रचार किया। पुलिस प्रशासन उनसे पूछताछ करें क्योंकि यह अखाड़े का साधु नहीं है जिस जगह का वह महंत अपने आपको बता रहा है वो भी प्रमाणित नहीं है। उनको अखाड़े की परंपरा का ज्ञान नहीं है इनका कहना है कि जिन अराजक तत्वों द्वारा इनको भड़का कर बयान बाजी करवाई जा रही है इस मामले में अखाड़े का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री डीजीपी से वार्ता करेगा क्योंकि हमें संभावना लग रही है कि इन व्यक्तियों द्वारा अखाड़े का माहौल खराब करने की साजिश की जा रही है। अखाड़े के महंतों को जान माल का खतरा बना हुआ है।हम मुख्यमंत्री और डीजीपी से मांग करते हैं अखाड़े के महंतों को सुरक्षा प्रदान की जाए।
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