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मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के एक मंत्री पर आरोप लगा है कि उन्होंने एक टेंडर की पूरी प्रक्रिया को इसलिए निरस्त कर दिया क्योंकि इसमें उन्हें कमीशन नहीं मिल रहा था।
राजधानी भोपाल से प्रकाशित दैनिक भास्कर के अनुसार यह मंत्री जी नर्मदा घाटी क्षेत्र (नर्मदा पुरम से जबलपुर तक के बीच का क्षेत्र) से आते हैं। इनके डिपार्टमेंट की ओर से टेंडर कॉल किया गया था। 5 ठेकेदारों ने टेंडर फाइल किया। इसके बाद मंत्री जी के सुपुत्र को यह जानकारी दी गई थी वह कौन सा ठेकेदार है जिसको टेंडर मिलने की पूरी संभावना है।
मंत्री पुत्र ठेकेदार के पास पहुंचा और अपने हिस्से की मांग की। ठेकेदार ने देने से मना कर दिया। इस घटनाक्रम के बाद मंत्री जी ने पूरी टेंडर प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया। नोटशीट चली है कि नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाए।
यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों लगातार रिश्वतखोरी के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। यदि कोई अधिकारी रिश्वत के लालच में सरकार की सुविधाओं और योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचने से रोकता है तो उसे कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान तो कभी भरे मंच से सस्पेंड कर दिया जाता है। यह मामला भी बिल्कुल वैसा ही है। मंत्री जी ने कमीशन के लालच में विकास कार्य रोक दिया है।
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