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शहर में बुधवार को मध्यप्रदेश ओलंपिक संघ की वार्षिक सभा की बैठक संघ के अध्यक्ष एवं विधायक इंदौर रमेश मेंदोला की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में प्रदेश भर से मान्यता प्राप्त राज्य खेल संघों एवं जिला ओलंपिक संघों के प्रतिनिधि शामिल हुए। एमपीओए के सचिव दिग्विजय सिंह ने बताया कि बैठक में पूर्व कार्यवाही विवरण, ऑडिट रिपोर्ट, सचिव रिपोर्ट आदि का अनुमोदन किया गया। साथ ही बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि राज्य खेल संघों की चुनावी बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मान्य नहीं की जा सकती है यह प्रक्रिया फर्म एवं सोसायटी द्वारा भी मान्य नहीं है। चुनावी बैठक में पर्यवेक्षक बुलाना अनिवार्य है। यह निर्णय पूर्व में भी हुआ था जिन संघों के उपरोक्तानुसार चुनाव हुए उन्हें तीन माह में नियमानुसार अपना चुनाव संपन्न करवाना होगा। अन्यथा उनकी मान्यता स्वत: समाप्त हो जाएगी। ओम सोनी ने बताया कि खेल नीति भी राज्य का विषय है, इसमें किसी प्रकार का स्पोर्ट्स कोड आदि नहीं लागू होता है। इस विषय पर उपस्थित प्रतिनिधियों ने अपनी सहमति प्रदान की है। इस मौके पर संघ के उपाध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग मौजूद रहे। इस मौके पर खेल संचालक रवि गुप्ता ने कहा कि मप्र राज्य में राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों के लिए साधन-संसाधनों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी जाएगी। खिलाड़ियों की सुविधा के लिए जो भी मैदान, खेल उपकरण, प्रशिक्षक, सहयोगी स्टाफ की आवश्यकता होगी वह सभी समय के पहले उपलब्ध करवाया जाएगा। साथ ही खिलाड़ियों के लिए एक नई प्रकार की किट भी डिजाइन की जाएगी। सभी खेल संघ अपनी टीम का चयन कर प्रशिक्षण शिविर शुरू करें। इसके बाद गुजरात में होने वाले 36वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों के संबंध में चर्चा की गई। राष्ट्रीय खेलों के लिए मध्यप्रदेश की टीम के लिए चीफ द मिशन जयेश आचार्य एवं डिप्टी चीफ द मिशन ओपी अवस्थी को मनोनीत किया गया। समन्वय समिति का प्रमुख ओम सोनी एवं सदस्य देवराज सिंह, शिशिर तिवारी एवं खेल विभाग के प्रतिनिधि को मनोनीत किया गया। राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों के लिए हर खेल के दो प्रशिक्षण शिविर (कैंप) लगाना अनिवार्य रहेगा।
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