जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बुलडोजर कार्रवाई को दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
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भोपाल। मध्यप्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जिला प्रशासन द्वारा की गई बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को उलेमा-ए-हिन्द ने चुनौती दी है। संगठन ने मध्य प्रदेश के साथ-साथ यूपी और गुजरात में मुसलमानों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को मुस्लिम वर्ग को निशाना बनाने की साजिश बताया है।

 

जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने तीनों राज्यों में हुई बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में शीर्ष अदालत से राज्यों के यह आदेश देने का अनुरोध किया गया है कि अदालत की अनुमति के बिना किसी के घर या दुकान को गिराया नहीं जाएगा। याचिका में केन्द्र सरकार के साथ भाजपा शासित मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात सरकार को पार्टी बनाया गया है।

 

खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने अवैध संपत्तियों के खिलाफ अभियान चलाया था। जिसके तहत शहर के चार स्थानों पर बुलडोजर चलाकर कुल 16 घर और 29 दुकानें ध्वस्त की गईं। इसमें से 12 घर खसखासवाड़ी इलाके में थे। हिंसा करने के आरोप में 140 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। जिसके बाद मुस्लिम संगठन ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।

 

जानकारी के अनुसार, जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल से सलाह लेने के बाद यह याचिका एडवोकेट सरीम नावेद से तैयार करवाई है। इसे एडवोकेट कबीर दीक्षित ने ऑनलाइन दायर किया है। इसमें जमीयत उलेमा ए हिंद कानूनी इमदाद कमेटी के सचिव गुलजार अहमद आजमी वादी बने हैं। याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है कि सरकारों द्वारा इस तरह के उपाय हमारे देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को कमजोर करते हैं। इस तरह की घटनाओं से अदालतों की भूमिका को नकारने की कोशिश है। इसे रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।

 

जमीयत उलमा-ए-हिंद के चीफ अरशद मदनी ने ट्वीट के माध्यम से याचिका दायर करने की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने कहा कि देशभर में धार्मिक उग्रवाद और नफरत का माहौल व्याप्त है। अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों को डराने-धमकाने की साजिशें रची जा रही हैं। देशभर में धार्मिक उग्रवाद और नफरत का माहौल व्याप्त हो गया है। लेकिन केंद्र और राज्य सरकारें खामोश हैं।

 

मदनी के मुताबिक याचिका में अदालत से राज्यों को आदेश देने के लिए कहा गया है कि कोर्ट की अनुमति के बिना किसी के घर या दुकान को ध्वस्त ना करें। उत्तरप्रदेश में बुलडोजर की राजनीति पहले से ही चल रही है, लेकिन अब यह नापाक हरकत गुजरात और मध्यप्रदेश में भी शुरू हो गई है। मदनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के खरगोन शहर में रामनवमी के अवसर पर एक जुलूस के दौरान अत्यधिक भड़काऊ नारे लगाकर हिंसा शुरू की गई। इसके बाद राज्य सरकार के आदेश पर मुसलमानों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया गया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम मोहल्लों में मस्जिदों के बिल्कुल सामने आकर उकसाया जा रहा है। पुलिस की मौजूदगी में लाठी-डंडे लहराकर नारे लगाए जा रहे हैं और सब मूकदर्शक बने हुए हैं।

Dakhal News 18 April 2022

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