हमें अपनी प्राचीन समृद्ध संस्कृति से जोड़ती है संस्कृत भाषा : स्कूल शिक्षा मंत्री
सीहोर। संस्कृत भाषा एक ओर हमें हमारी प्राचीन समृद्ध संस्कृति से जोड़ती है तो वहीं दूसरी ओर भविष्य की आवश्यकता के अनुरूप संस्कृत के उपयोग की असीम संभावनाएं हैं। यह बात प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार )इंदर सिंह परमार ने रविवार को सीहोर में आयोजित संस्कृत भारती द्वारा संस्कृत जनपद सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर कही।
उन्होंने संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कृत भाषा दुनिया की प्राचीनतम भाषा है और इसे देव भाषा कहा गया है। आज हमें अपने प्राचीन इतिहास से जुडऩे की आवश्यकता है़, इसमें संस्कृत की महत्वपूर्ण भूमिका है। मंत्री परमार ने कहा कि संस्कृत का ज्ञान आज इसलिए भी जरूरी है कि प्राचीन भारतीय ज्ञान विज्ञान, आयुर्वेद वास्तु सहित विभिन्न विषयों पर चिंतन मनन किया जा सके। उन्होंने कहा कि दुनिया में कई देशों में संस्कृत भाषा में लिखे साहित्य पर शोध हो रहे हैं। हमें भारत में भी संस्कृत भाषा के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री परमार ने भी कहा कि विदेशी आक्रांताओं और ब्रिटिश हुकूमत द्वारा हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और एकता को नष्ट करने के लिए हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति को समाप्त किया गया। हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली का आधार ही संस्कृत था और संस्कृत भाषा को ब्रिटिश शासन की शिक्षा नीति ने समाप्त करने का कार्य किया।
परमार ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाऐं संस्कृति का आधार होती हैं। भारत में लगभग 300 क्षेत्रीय भाषाऐं विलुप्त हो गई हैं। संस्कृत का उपयोग भी सीमित होता जा रहा है और अब यह पूजा पद्धतियों तक ही सिमट कर रह गया है। आज जानमास को पुन: संस्कृत से जोडऩे की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने ऐसे संस्कृत सम्मेलन आयोजित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में अनेक भारतीय भाषाओं को समाहित किया गया है जिसकी पूरे देश में सराहना की गई है।
यह कार्यक्रम संस्कृत भारती जिला सीहोर माध्य भारत द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में संस्कृत भारत परिषद के नीरज दीक्षित, जिला शिक्षा अधिकारी एसपीएस बिसेन, डीपीसी अनिल श्रीवास्तव, मनोहरलाल शर्मा, शैलेन्द्र चंदेल एवं अन्य गणमान्य नागरिक तथा संस्कृत के शिक्षक आदि उपस्थित थे।
पुस्तक प्रदर्शनी का आवलोकन
कार्यक्रम स्थल पर लगाई गई पुस्तक प्रदर्शनी का स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार )इंदर सिंह परमार ने उद्घाटन तथा प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस प्रदर्शनी में संस्कृत भाषा में लिखी अनेकों साहित्यिक, धार्मिक एवं अन्य विषयों से संबधित पुस्तकों प्रदर्शित किया गया।