भगवान महाकाल ने शिव-तांडव स्वरूप में दिये श्रद्धालुओं को दर्शन
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उज्जैन। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में मनाई जा रही महाशिव नवरात्रि के आठवे दिन गुरुवार शाम को पूजन के बाद भगवान महाकाल ने शिव तांडव के स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिये। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किये।

मंदिर समिति के प्रशासक एसएस रावत ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में गत 13 फरवरी से शिवरात्रि की शुरुआत हुई थी, जो कि महाशिवरात्रि तक चलेगी। शुक्रवार, 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। शिव नवरात्रि के आठवें दिन गुरुवार को सुबह महाकाल मंदिर के शासकीय पुजारी घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राहम्णों द्वारा भगवान महाकाल का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया। इसके बाद शाम को पूजन के बाद बाबा महाकाल को नवीन वस्त्र धारण करवाये गये। इसके अतिरिक्त मेखला, दुपट्टा, कटरा, मुकुट, छत्र, मुण्ड माला एवं फलों की माला आदि धारण कराई कराकर शिव तांडव स्वरूप में श्रृंगारित  किया गया। बाबा महाकाल के शिव तांडव स्वरूप के दर्शन करने के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हजारों लोगों ने भगवान के दर्शन कर पूजन-अर्चन का लाभ लिया। 

प्रशासक  रावत ने बताया कि शुक्रवार, 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दौरान अलसुबह 2.30 बजे भगवान महाकालेश्वटर मंदिर के पट खुलेंगे और इसके बाद 2.30 बजे से 4.30 बजे तक भस्मारती होगी। वहीं, दद्योदन आरती प्रात: 7.30 बजे से प्रात: 8.15 बजे की जायेगी। भोग आरती प्रात: 10.30 बजे से 11.15 होगी। महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल का सतत जलधारा से अभिषेक होगा। दोपहर 12 बजे गर्भगृह में उज्जैतन तहसील की ओर से पूजा की जाएगी और सायं 04 बजे होलकर एवं सिंधिया स्टेसट की ओर से पूजन होगा। संध्या आरती शाम 5.30 बजे होगी। कोटेश्वर भगवान का पूजन रात्रि 8 बजे से 10 बजे पूजन होगा। भगवान महाकाल को रात्रि 10.30 बजे के बाद जलपात्र से जल चढऩा बंद हो जायेगा तथा महापूजन प्रारंभ होगा। 

शनिवार को दोपहर में होगी भस्मारती


इसी प्रकार महाशिवरात्रि के अगले दिन 22 फरवरी को सुबह 4 बजे से सेहरा चढऩा और सुबह 6.00 बजे सेहरा आरती होगी। प्रात: 11 बजे से सेहरा उतरना प्रारंभ होगा। दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक भस्मारती होगी। दोपहर 2.30 बजे से 3 बजे तक भोग आरती और उसके बाद ब्राह्मण भोज होगा। संध्या पूजन शाम 5 बजे से 5.45 बजे भगवान को जल चढऩा बंद होगा। शाम 6.30 बजे से 7.15 बजे तक संध्याण आरती और रात्रि 10.30 बजे शयन आरती के बाद पट मंगल हो जायेंगे।
Dakhal News 20 February 2020

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