इंसानियत पर भारी चीन की मानसिकता
bhopal, China mentality heavy on humanity
ऋतुपर्ण दवे
 
कोरोना वायरस आज चीन समेत दुनिया भर में सेहत और जिंदगी के लिए जबरदस्त चुनौती बनकर खड़ा है। पूरी दुनिया में असर दिखने लगा है। दुख इस बात का है चीन जैसे विकसित और दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश ने इस सच्चाई को सभी से क्यों छुपाया? हजारों लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमण के सच को डेढ़ महीने तक छुपाकर उसे क्या मिला? पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ को बता दिया होता तो हालात बेकाबू नहीं होते। मुमकिन था कि दुनिया भर में एकदम से भय और तबाही मचाने को तैयार नया कोरोना वायरस इतना पैर नहीं पसार पाता। पिछले कई मौकों की तरह इसबार भी चीन से ही निकला यह वायरस दुनिया भर में आतंक का पर्याय बन गया।
 
कोरोना वायरस साल 2020 के लिए नई महामारी बनकर चुनौती जरूर है लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि कुछ साल पहले ही सार्स (सीवियर एक्यूट रेसपेरेटरी सिंड्रोम), बर्ड फ्लू, एच-1 एन-1 जैसी घातक बीमारियां भी चीन से ही निकलीं। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि आखिर ऐसा क्या है जो जबरदस्त संक्रमण से तबाही फैलाने वाली सारी बीमारियां चीन से ही शुरू होती हैं? इसका जवाब बेहद चौंकाने वाला है और वह है चीन का सी फूड मार्केट। पूरे चीन में सब्जी और मांस बाजार हर शहर में जहां-तहां फैले हुए हैं। चीनी लोग समुद्री जीवों के मांस के शौकीन हैं। इंटरनेट पर मौजूद सूची में वहां बिकने वाले मांस में जिन्दा लोमड़ी, मगरमच्छ, भेड़िया, सैलामैंडर, सांप, बिल्ली, चूहे, मोर, साही, ऊंट सहित 112 तरह के मांस का जिक्र है, जिन्हें खाया जाता है। वहां के बाजार ऐसे मांस से पटे होते हैं। घनी आबादी के कारण संक्रमित बीमारियों को फैलते देर नहीं लगती। चीन में पशुधन भी बहुत ज्यादा है, जिससे जानवरों से इंसान के शरीर में पहुंचने वाले वायरस को मनमुताबिक वातावरण मिल जाता है। इसके अलावा चीन का दुनिया के तमाम देशों के साथ जबरदस्त व्यापारिक व राजनीतिक गठजोड़ भी है। इस कारण एयर नेटवर्क भी तगड़ा है, जिससे संक्रमण तेजी से दुनिया के बाकी हिस्सों में पहुंच जाता है।
 
दुनिया भर में जंगल तेजी से कम हो रहे हैं। इस कारण जानवरों की फार्मिंग का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। जंगली जानवरों के वायरस फार्मिंग वाले जानवरों में आ जाते हैं और से ये इंसान के शरीर तक पहुंच जाते हैं। चीन के मांस बाजार में कई जानवरों के मांस मिलते हैं इसलिए वहां से नए-नए वायरस तेजी से फैलते हैं और संक्रामक होने की वजह से तमाम दुनिया में फैल जाते हैं। मांस बाजार में जानवरों के मांस और खून का इंसानों के शरीर से संपर्क होता रहता है जो वायरस के फैलने की सबसे बड़ी वजह है। साथ ही हाईजीन में थोड़ी भी चूक वायरस फैलाने में मददगार होती है।
 
तमाम परीक्षणों और रिसर्च से भी यह साबित हुआ है कि कई खतरनाक वायरस जानवरों के मांस से इंसान में आए हैं और फिर इनका संक्रमण तेजी से फैला। हालात यह है कि 30 साल में 30 नई और खतरनाक संक्रामक बीमारियों के बारे में पता चला जिसमें 75 फीसदी के वायरस जानवरों से इंसान में आए हैं। चीन का जो बुहान शहर सबसे ज्यादा प्रभावित है वहां एक करोड़ से ज्यादा आबादी है जो एक प्रमुख परिवहन केंद्र भी है। सार्स के समय भी पाया गया था कि वन्य जीव बाजार में मिलने वाली कस्तूरी बिलाव में पहला सार्स वायरस मिला था। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि चमगादड़ों ने बिल्ली जैसे जीवों को इससे संक्रमित किया और फिर इंसानों द्वारा बिल्लियों को खाने से यह उनमें फैला।
 
चीन में इस वायरस से संक्रमित मरीजों के मरने की संख्या लगातार विशाल होता जा रहा है। बुहान प्रान्त में इस वायरस का अटैक दिसंबर 2019 में ही हो चुका था लेकिन इसे न केवल छुपाया गया बल्कि साधारण बीमारी बताकर दुनिया को गुमराह किया गया। झूठ की इन्तिहा तो तब हो गई जब कहा गया कि इससे किसी की मौत नहीं हुई लेकिन जर्मनी की लैब जर्मन सेंटर फॉर इंफेक्शन रिसर्च ने इस बारे में जाँच-पड़ताल शुरू की तो पाया नोवोल कोरोना वायरस पहली बार चीन के बुहान में ही उभरा है, जिससे गंभीर निमोनिया होता है लेकिन लेकिन तबतक काफी देर हो चुकी थी। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द, जुकाम, खांसी और बुखार होता जो निमोनिया का रूप ले सकता है। इससे गुर्दे से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। यह वायरस संक्रमित व्‍यक्ति के दूसरे से संपर्क में आने पर तेज फैलता है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका समुद्री भोजन से बचना है। इससे बचाव को लेकर फिलहाल कोई वैक्सीन नहीं है।
 
तिब्बत को छोड़कर चीन के सभी प्रांतों से कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा थाइलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, वियतनाम, सिंगापुर, मलेशिया, नेपाल, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका में भी कोरोना वायरस के संदिग्ध मिले हैं। जबकि जर्मनी और कनाडा में पहले ही पुष्टि हो चुकी है। भारत के कई शहरों में संदिग्ध मरीज मिले हैं। कोलकाता में भर्ती थाईलैण्ड की युवती की मौत के बाद भारत में भी दहशत स्वाभाविक है। उप्र, बिहार, राजस्थान, हैदराबाद, कर्नाटक, गोवा समेत कई राज्यों में इसको लेकर अलर्ट है। वायरस के संक्रमण की थर्मल जांच के दायरे में देश के 20 हवाई अड्डों को और शामिल किया गया है फिलहाल नयी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि सहित 7 हवाई अड्डे शामिल थे।
 
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि जानवरों के मांस से फैले वायरस की वजह से ही दुनिया में करोड़ों लोग बीमार पड़ते हैं और लाखों मौतें होती हैं। यह भी सच है कि संक्रमण की 60 फीसदी बीमारियां जानवरों से फैलती हैं। उससे भी बड़ा सच यह कि सैकड़ों तरह का मांस खाने के मामले में चीन दुनिया में सबसे आगे निकलता जा रहा है, जिसका नतीजा दिख रहा है। ऐसे में संक्रमण और वायरस अटैक स्वाभाविक है लेकिन इतनी बड़ी घटना को पचाने की कोशिश से चीन की नीयत पर पूरी दुनिया को शक होने लगा है।
 
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
Dakhal News 10 February 2020

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