ब्लैकमेल किये जाने पर क्या कदम उठाएं
डॉ अबरार मुल्तानी

डॉ अबरार मुल्तानी

ज़िन्दगी में कोई भी कभी भी ब्लैकमेल हो सकता है। यह मज़ाक में किया जा सकता है या फिर क्रिमिनल स्तर पर। यह किसी जान पहचान वाले द्वारा किया जा सकता है या फिर किसी शातिर बदमाश के द्वारा। नेता, शातिर बदमाश, पत्रकार, पुलिस वाला, वकील, आपका ही कोई कर्मचारी, भूतपूर्व या वर्तमान प्रेमी या प्रेमिका...कोई भी ब्लैकमेल कर सकता है।  ब्लैकमेल के लिए कोई वीडियो, कोई मैसेज, कोई ऑडियो, कोई फ़ोटो या कोई पेपर्स हो सकते हैं। अक्सर लोग इसमें उलझ जाते हैं और आत्महत्या या हत्या करने के विकल्प को चुन लेते हैं। आत्महत्या या हत्या करने के बाद तो सारे विकल्प ही खत्म हो जाते हैं और फिर कोई कुछ नहीं कर सकता। आजकल आये दिन हम खबर पढ़ते हैं कि एक व्यवसायी को किसी मॉडल द्वारा ब्लैकमेल किया गया और उसने आत्महत्या करली, या किसी महिला को ऑफिस के ही एक कुलीग ने ब्लैकमेल किया और उसने भी मरना चुना। कई लोग इस जाल से निकलने के लिए पैसा लूटा देते हैं तो कई अपनी जान। ब्लैकमेलिंग अक़्सर प्रतिष्ठित व्यक्ति या किसी महिला के खिलाफ की जाती है। यह सच्चे या झूठे तथ्यों पर आधारित हो सकती है। ब्लैकमेल करने वाला अपनी शर्त पूरी होने पर ब्लैकमेल करना बंद भी कर सकता है और इसे जारी भी रख सकता है। ब्लैकमेल करने वाला आपसे रुपया, संपत्ति, कोई सपोर्ट या शारिरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर कर सकता है।

ब्लैकमेल होने वाला अपने आप को नरक की यातना झेलता हुआ पाता है जहाँ उसे दिन रात तिल तिल कर मारा जाता है। उसकी नींद उड़ जाती है और वह अपने अंधकारमय भविष्य को सोच सोचकर मरने या मारने पर उतारू हो जाता है। कई ब्लैकमेल करने वालों को मौत के घाट लोग उतार देते हैं और खुद को जेल में उम्र भर के लिए कैद करवा लेते हैं।

ब्लैकमेल जब किसी को किया जाता है तो उसे लगता है कि यह क्या हो गया? क्या कहानी किस्सों और फिल्मों के अलावा यह हकीकत में भी होता है और होता भी है तो मेरे साथ ही क्यों? यह होते ही वह हल ढूंढने की बजाय चिंता में डूब जाता है, क्योंकि इसका हल निकालना किसी ने बताया ही नहीं उस बेचारे को। यह वह सबक है जो हमें हमारे स्कूल कॉलेज और माँ बाप भी नहीं सिखाते। 

लेकिन अगर शांति से इसके हल के बारे में सोचा जाए तो बहुत आसानी से इस अंधेरे समंदर से निकला जा सकता है। सबसे पहले तो आप यह तय करें कि ब्लैकमेलर द्वारा जिस मुद्दे पर आपको ब्लैकमेल किया जा रहा है उसका सबसे बुरा परिणाम क्या हो सकता है। और उस बुरे परिणाम को स्वीकार कर लीजिए। चीनी दर्शन के अनुसार "मन की सच्ची शांति बुरे से बुरे को स्वीकार करने से आती है।" क्योंकि ऐसा करके हम नकारात्मक ऊर्जा को मुक्त करके सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करने लगते हैं। जब हम बुरे से बुरे को स्वीकार कर लेते हैं तो हमारा मन शांत हो जाता है क्योंकि फिर हमारे पास खोने को कुछ नहीं बचता। जब मन शांत हो जाए तो अब यह सोचे कि इस बुरे से बुरे को कैसे टाला जाए। उसके लिए आप अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों या फिर कानून की मदद ले सकते हैं। हाँ, कानून इसमें मदद करता है और यदि ब्लैकमेल करने वाले के पास की जानकारी को आप गोपनीय रखना चाहे (जब वह गिरफ्तार हो जाए) तो भी रखी जा सकती है, यदि आपने कोई कानूनन अपराध नहीं किया है तो।

कई बार हमारे पास बेहतरीन और असरदार मददगार होते हैं लेकिन हम उनकी मदद लेने में हिचकते हैं और खुद को मुसीबत में डाल लेते हैं। अकेले अकेले ना घुटे। और याद रखें मदद मांगोगे तो ही मदद मिलेगी। आपके पास एक अद्भुत दिमाग है जो ईश्वर ने आपको समस्याओं से निकलने के लिए ही दिया है तो आप उसका उपयोग कीजिये।

अंत में याद रखें कि जो आपको ब्लैकमेल कर रहा है वह कानूनन एक अपराध कर रहा है और अपराधी के खिलाफ मदद लेने के लिए आपके पास बहुत सी संस्थाएँ और लोग हैं... उनकी मदद लीजिए। न कि अपनी जान दीजिये और न किसी की जान लेकर हत्यारे बनिये। सोचिये,समझिये, फैसला लीजिए और प्रक्रिया शुरू कर दीजिए ब्लैकमेलरों को सबक सिखाने की। 

सत्यमेव जयते। [डॉ अबरार मुल्तानी जाने माने लेखक और चिंतक हैं ]

Dakhal News 23 July 2018

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