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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब दूसरी कृषि क्रांति करेगा। इसके माध्यम से किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलेगा और उनकी समस्या का स्थायी समाधान होगा। देश को भी नई दिशा मिलेगी। आज यहाँ मंत्रालय में प्याज खरीदी की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने प्याज खरीदी और नीलामी की मानिटरिंग के लिये उच्च स्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने कहा कि प्याज खरीदी, बिक्री और नीलामी की प्रक्रिया में गड़बड़ी करने वाले को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
श्री चौहान ने कहा कि प्याज खरीदी और नीलामी की पारदर्शी व्यवस्था बनाई गई है। उच्च-स्तरीय निगरानी समिति अगले तीन महीने तक इस व्यवस्था के संचालन की निगरानी करेगी। उन्होंने कहा कि प्याज खरीदी की जाँच भी की जायेगी। इसके लिये जिन केन्द्रों से शिकायत मिलेगी, वहाँ विशेष जाँच दल भेजकर जाँच करायी जायेगी।
बैठक में बताया गया कि अब तक 8 लाख 76 हजार मीट्रिक टन प्याज की खरीदी की जा चुकी है। इसमें से करीब 90 प्रतिशत प्याज की नीलामी की जा चुकी है। भारत सरकार ने प्याज की खरीदी की मात्रा को देखते हुए 20 प्रतिशत प्याज खराब होने के संभावना जतायी थी जबकि अभी केवल 5 प्रतिशत प्याज खराब हुआ है। राशन दुकानों से गरीबों को प्याज उपलब्ध करवाने की सुचारु व्यवस्था अत्याधिक सफल रही है। जल्दी ही प्याज के शेष स्टॉक का निराकरण किया जायेगा। प्याज खरीदी के माध्यम से 1 लाख 54 हजार किसान लाभान्वित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि खरीदी और नीलामी की प्रक्रिया की जाँच करते समय किसानों को भुगतान की प्रक्रिया प्रभावित नहीं होना चाहिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्याज खरीदी और नीलामी से जुड़ा जो सरकारी अमला सरकार की मंशा और तय प्रक्रिया के अनुरूप कार्य कर रहा है, उसे पूरा संरक्षण दिया जायेगा। अनियमितता बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रावाई होगी। बैठक में बताया गया कि प्याज खरीदी की व्यवस्था से प्याज उत्पादक किसान पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्हें अपनी उपज का लाभकारी मूल्य मिल गया है। पूरी व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है। श्री चौहान ने कृषि लागत मूल्य निर्धारण आयोग की जल्दी स्थापना कर कार्य शुरू करने के निर्देश दिये।
बैठक में कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री पी.सी. मीणा, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री अजीत केसरी एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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