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मंगलवार की रात करैरा विधायक पर केस दर्ज होने के बाद पुलिस सुबह का इंतजार करती रही, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रात में किसी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। वहीं सुबह को विधायक अपने घर से फरार हो गईं।
करैरा विधायक पर भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप है। करैरा विधायक पर केस दर्ज होने के पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है।
प्रदेशभर में तत्समय आंदोलन हिंसक रूप ले चुका था और पुलिस को पता था कि करैरा में आंदोलन की अगुआई महिला विधायक कर रही हैं, बावजूद इसके मौके पर कोई भी महिला पुलिस नहीं थी, जबकि एसडीओपी की मौजूदगी में आक्रोशित विधायक शकुंतला खटीक ने टीआई पर घूंसे बरसा दिए।
वहीं इस मामले के बाद वीडियो क्लिप सामने आने और सत्ता पक्ष के दबाव के चलते भले ही करैरा पुलिस ने सोमवार की देर रात विधायक व ब्लॉक अध्यक्ष पर केस दर्ज कर लिया, लेकिन यहां भी पुलिस की मंशा विधायक को तत्काल गिरफ्तार करने की नजर नहीं आई, क्योंकि केस देर रात 11:50 बजे दर्ज किया गया।
कानून के जानकारों के अनुसार रात के समय महिला की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। केस दर्ज होने की जानकारी लगते ही विधायक अपने घर से फरार हो गईं। ब्लॉक अध्यक्ष भी फरार हो गए।
विधायक पर केस दर्ज होने के साथ ही करैरा कस्बे में पुलिस ने एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। विधायक के समर्थक कोई अप्रिय घटना को अंजाम न दे सके। कस्बे में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
धाराएं बढ़ाएंगी मुसीबत, जाना पड़ सकता है जेल। विधायक पर जो धाराएं दर्ज की गई हैं, उनमें धारा 353 शासकीय कार्य में बाधा की है, जो गैर जमानती है और इसमें न्यूनतम दो वर्ष तक की सजा का प्रावधान हैं। इस मामले में फरियादी पुलिस है, इसलिए विधायक की मुसीबत बढ़ सकती है।
शहर के एडवोकेट गजेन्द्र यादव के अनुसार धारा 147 व 149 विधि विरुद्ध जमाव यानी बलवा की धाराएं हैं, वहीं 189 लोक सेवक को पदीय कार्य न करने के लिए दबाव डालना है। इसके अलावा 294 गाली गलौज, 436 लड़ाई झगड़ा, 504 व 506 जान से मारने की धमकी की श्रेणी में हैं और यह सभी धाराएं जमानती हैं।
घटनाक्रम 8 जून का था, लेकिन तत्समय टीआई से नोकझोंक की बात सामने आई और एक क्लिपिंग में विधायक 'थाने में आग लगा दो" कहती नजर आई थीं। इसके अगले दिन से लगातार वीडियो सामने आते चले गए।
विधायक ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की और आग लगाने के बयान से मुकर भी गईं, लेकिन एक और वीडियो ने हलचल पैदा कर दी। मंगलवार को नया वीडियो सामने आया है, जिसमें विधायक शकुंतला टीआई संजीव तिवारी को घूंसे से मारती दिखाई दे रही हैं।
चर्चा है कि भले ही पुलिस ने देर रात केस दर्ज कर विधायक शकुंतला को फरार होने का मौका हासिल करा दिया हो, लेकिन दूसरी तरफ पुलिस विधायक सहित ब्लॉक अध्यक्ष को गिरफ्तार करने उनके घरों पर कई बार दबिश देती रही। देर रात दबिश देने के अलावा सुबह और शाम को भी पुलिस दोनों के ठिकानों पर दबिश देती नजर आई।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि जल्द ही दोनों को बंदी बनाया जाएगा। इधर विधायक और ब्लॉक अध्यक्ष के फोन बंद आ रहे हैं। विधायक के गनर शैलेन्द्र सिकरवार के अनुसार विधायक रात को अचानक कहीं चली गई हैं। बता दें कि करैरा विधायक पर विरुद्ध आगजनी के लिए उत्प्रेरित करने, शासकीय कार्य में बाधा, अपशब्द, जान से मारने की धमकी, शासकीय कर्मचारी से अभद्रता सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
एसडीओपी करैरा अनुराग सुजानिया ने बताया विधायक शकुंतला खटीक और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष वीनस गोयल सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दोनों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि यह दोनों अभी फरार हैं।
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