पत्रकार देवेश कल्याणी
ptrkar devesh klayani

 

 

 

 

समाज के वंचितों का एक्टिविस्ट जर्नलिस्ट

 

महेश दीक्षित

 

मात्र 16 वर्ष की उम्र से पत्रकारिता को अपने जीवन का उद्देश्य मानने वाले पत्रकार देवेश कल्याणी एक ऐसा नाम हैं, जिन्हें पत्रकारिता जगत के साथ-साथ समाज में भी हर कोई जानता है। देवेश अब तक पत्रकारिता के जरिए समाज को काफी कुछ दे चुके हैं। साथ ही पत्रकारिता से अलग ऐसे सामाजिक कार्य किए हैं, जो उन्हें दूसरों से अलग करता है। 

 

वर्ष-1969 को इंदौर में जन्मे देवेश कल्याणी बताते हैं कि जब वे हायर सेकंडरी में थे, तब से ही देवास से निकलने वाले अखबार चिंगारी से पत्रकारिता शुरू कर दी थी। इसके बाद सीटीवीटी प्रसार संधि अखबार में काम किया। उनकी मूल पत्रकारिता या कहें, उनकी गंभीर पत्रकारिता की शुरुआत आज का दौर के संपादक राजेश तस्की के जरिए हुई। उन्होंने अखबार की लाइन से जोड़ा। इस दौरान भी लिखना-पढऩा चलता रहा। कई अखबारों के लिए क्राइम रिपोर्टिंग की, जिनमें चेतना, नवभारत और नईदुनिया प्रमुख हैं। एमए, बीजेएमसी और एमजेएमसी की शिक्षा हासिल करने वाले देवेश बताते हैं कि उन्होंने भास्कर इंदौर और भोपाल में काम किया। चंडीगढ़, पानीपत और गुजरात लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे सुधीर अग्रवाल की कोर टीम के अहम सदस्य के रूप में रहे। ऑपरेशन लुक स्मार्ट के दौरान एन रघुरमन की टीम का हिस्सा बने। 

 

देेवेश, भास्कर में 1995 से 97 तक रहे। इसके बाद 1997 से 2000 नई दुनिया से जुड़े रहे। 2000 से 2010 तक राज एक्सप्रेस में विभिन्न जिम्मेदारियों को निर्वहन किया। यहां लंबा सफर तय करने के बाद 2010 से वर्तमान में प्रदेश टुडे के संपादक के तौर पर जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। देवेश बताते हैं कि उनमें पत्रकारिता को लेकर जुनून इस कदर था कि उन्होंने 1994 में एक्साइज ऑफिसर में सिलेक्शन के बाद भी उसे जॉइन नहीं किया। बल्कि पत्रकारिता को चुना। देवेश वर्ष 1998 में अवकाश लेकर गुडिय़ा मूवमेंट के लिए तीन माह बनारस रहे। इसके बाद 1999 में राजीव जॉर्ज, बेलू जॉर्ज के साथ जूनी इंदौर की बस्ती को बचाने के लिए उनके साथ आंदोलन किया। वे नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े रहे। कई अन्य सोशल मूवमेंट से भी जुड़े। देशभर के वंचित वर्ग की प्रतिनिधि संस्थाओं के साथ काम किया। पंजाब के आदिधर्म समाज के साथ अभी भी जुड़े हैं। देवेश अभी दिल्ली के भाजपा सांसद उदित राज, अभा कर्मचारी संगठन, अजाक्स के साथ काम रहे हैं। 

 

उन्होंने लंबे समय तक हिंदी-मराठी थिएटर भी किए। जिसमें उनकी अभिनेता की छवि के भी दर्शन लोगों को हुए। बताते हैं कि थिएटर में भी देवेश ने अपनी प्रतिभा से सभी को कायल कर दिया था। वे मध्य प्रदेश के ऐसे इकलौते पत्रकार हैं, जिसने सोशल इंजीनियरिंग, सोशल अपग्रेडेशन पर 1000 लेख लिखे हैं। देवेश प्रदेश टुडे के संस्थापक हृदयेश दीक्षित के आभारी हैं। वे कहते हैं कि हृदयेशजी ने ही उन्हें बड़ा ब्रेक दिया। इसके साथ खुद को वरिष्ठ पत्रकार अवेधश बजाज जी का भी ऋणी मानते हैं, जिन्होंने उनकी पत्रकारिता के हुनर को पहचाना और उसे तराशा। देवेश को उनकी प्रतिभा और काम के लिए ढेरों सम्मान मिल चुके हैं, जिनमें प्रशांत सक्सेना पुरस्कार-2005, अंबेडकर सम्मान, इनसाइट मीडिया सम्मान सहित कई सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं। देवेश अपनी सफलता के पीछे पिता आरएल कल्याणी का बड़ा योगदान मानते हैं। उनका कहना है कि उनके पिता ने उन्हें कड़ा परिश्रम और ईमानदारी का पाठ सिखाया था, यही आज उनके व्यावसायिक जीवन में काम आ रही है।

 

Dakhal News 16 August 2016

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