Patrakar Priyanshi Chaturvedi
देशभर मे पदयात्रा निकलेगी pmja
नई डीएवीपी विज्ञापन नीति 2016 के विरोध में pmja की बैठक हुई! जिसमे भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बीती 15 जून 2016 को डीएवीपी की बेबसाइट पर बिना समाचार पत्र प्रकाशकों की सहमति-सुझाव-विचार विमर्श के विज्ञापन नीति 2016 को लागू कर दिया गया है। जबकि वर्ष 2018 तक सभी समाचार पत्रों का davp से अनुबन्ध है।प्रिंट मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव ओमप्रकाश शर्मा ने नई विज्ञापन नीति 2016 का पूर्ण रूप से विरोध किया हैं।
श्री शर्मा ने कहाँ ये नियम सिर्फ चंद बड़े समाचार पत्रों के इशारे पर davp द्वारा लागू किया जा रहा है ताकि देश भर से स्थानीय समाचार पत्र का अस्तित्व समाप्त हो सके और वह इसकी आड़ में भरपूर विज्ञापन प्राप्त कर सकें। पूर्व में मा. सर्वोच्च न्यायालय ने भी समाचार पत्रों के विज्ञापन पर रोक को अमान्य माना था। उसके बावजूद डी.ए.वी.पी को यह गलत नियम बनाने की क्या आवश्यकता पड़ी? डीएवीपी की वेबसाइट पर डाली गई नई विज्ञापन नीति 2016 का सम्पूर्ण देश के लघु एवं मध्यम समाचार पत्र पुरजोर विरोध करते हैं। डीएवीपी की इस विज्ञापन नीति से देशभर के लघु एवं मंझोले समाचार पत्र बंद होने की कगार पर पहुंच जाएंगे।श्री शर्मा ने बताया की pmja के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री परवेज़ भारतीय ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री वैंकेंया नायडू को पत्र लिखकर न्यायोचित कार्यवाही करने का आग्रह किया है।राष्ट्रीय महासचिव श्री शर्मा ने कहाँ की सरकार पत्रकार सुरक्षा (कानून)विधेयक को संसद मे मंजूरी दे !उन्होंने आगे कहाँ जो मीडिया समूह मजीठिया वेज बोड का पालन नही कर रहे है ! उन पर कार्यवाही करते हुए उनके तत्काल विज्ञापन बंद किये जाएँ !!
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