Dakhal News
21 November 2024
दूरदर्शन सहित देश में चल रहे चैनल जो हमें हर पल की खबर से रूबरू कराते है। इन चैनल में काम करने वाले पत्रकार जो चैनल की आईडी और कैमरा लेकर चलने वाले कैमरामैन के साथ 24 घंटे सातों दिन आम जनता की समस्याएं, अफसरों की लापरवाही और नेताओं को खट्टे-मीठे बोल बोलते हुये दिखाते हैं। वो पत्रकार की श्रेणी में नहीं आते यह खुलासा हुआ प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के जवाब में।
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र तो लिखा था दूरदर्शन में काम करने वाले पत्रकारों को लेकर। उस पत्र को प्रधानमंत्री कार्यालय से संबंधित विभाग को उचित कार्यवाही के लिये भेजा गया। पिछले दिनों केन्द्रीय सरकार के प्रसार भारती से एक पत्र फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा को प्राप्त हुआ। उस पत्र से यह तो स्पष्ट हो गया कि दूरदर्शन में काम करने वाले पत्रकारों को द वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955 के अनुसार पत्रकार नहीं माना गया इसलिये उनके वेतन आदि के बारे में विचार नहीं किया जा सकता।
हमारे देश में दूरदर्शन लगभग 1982 में प्रारंभ हुआ और उसके बाद अन्य चैनल धीरे-धीरे वजूद में आये। परन्तु 1955 में बने वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट में 2016 जुलाई तक कोई संशोधन नहीं हुआ।
1. वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955 में स्पष्ट है कि न्यूज पेपर का मतलब मुद्रित समाचार पत्र।
2. न्यूज पेपर एम्पलाई का अर्थ वर्किंग जर्नलिस्ट।
3. न्यूज पेपर इस्टवलिसमेंट का अर्थ व्यक्ति अथवा कंपनी का मालिकाना हक।
4. वर्किंग जर्नलिस्ट जो न्यूज पेपर में कार्यरत हो। उसमें संपादक, न्यूज एडीटर, लीडर राईटर, सब एडीटर, फीचर राईटर, कापी लेस्टर, रिर्पोटर, क्रसपांडेन्ट, कार्टूनिस्ट, न्यूज फोटोग्राफर और प्रूफ रीडर शामिल है। एक्ट में यह भी स्पष्ट है कि मैनेजमेंट अथवा एडमिनिस्ट्रेशन जैसे कार्य करने वाले वर्किंग जर्नलिस्ट की श्रेणी में नहीं आते है।
Dakhal News
27 July 2016
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