आनंद पांडे को मिला माधवराव सप्रे सम्मान
'समाज के हर क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। पत्रकारिता भी इससे अछूती नहीं है। अब पत्रकारिता के सभी माध्यमों में प्रयोग करने का समय आ गया है। एक समय था जब अखबारों की क्वालिटी ठीक नहीं थी, लेकिन पठन सामग्री बेहतर होती थी। हमें बेहतर और विश्वसनीय पठन सामग्री उपलब्ध करना होगा। इसके लिए पत्रकारिता जगत को नए सिरे से परिभाषित करना होगा। पत्रकारिता में नए प्रयोगों का समय आ गया है।"
नईदुनिया के समूह संपादक आनंद पांडे ने रविवार को सप्रे संग्रहालय यह बातें कहीं। उन्हें 'रतनलाल जोशी जन्मशती स्मरण और राष्ट्रीय अलंकरण समारोह" में 'माधवराव सप्रे" सम्मान प्रदान किया गया।
उन्होंने 'पत्रकारी अवधारणा" पर अपनी बात रखी। यहां भारतीय ज्ञान परंपरा के जानकार डॉ. कपिल तिवारी को 'महेश सृजन" सम्मान से नवाजा गया। सम्मान स्वरूप शॉल, श्रीफल व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा, पत्रकारिता और राजनीति लोकतंत्र के प्रमुख स्तंभ हैं। इनकी जिम्मेदारी है कि समाजहित के लिए मिलकर काम करें।
डॉ. कपिल तिवारी ने कहा, 'ज्ञान खुद को जगाने का माध्यम है। यह हमेशा अच्छे आचरण की बात करता है, लेकिन हम आचरणों को आत्मसात नहीं कर रहे। बस, हर कीमत पर सफलता पाना चाहते हैं। यही चाहत हमें जीवन मूल्यों से समझौता करने पर मजबूर करती है।" स्व. रतनलाल जोशी की बेटी कवयित्री शांति शर्मा ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विचार रखे। कार्यक्रम में सांसद आलोक संजर, रतनलाल जोशी परिवार व अन्य अतिथि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार मलय श्रीवास्तव को 'हुकुमचंद नारद" सम्मान दिया गया। राष्ट्रीय एकता परिषद के अध्यक्ष चुने जाने पर वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव, जनसंपर्क के क्षेत्र में ताहिर अली और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. देवेंद्र दीपक को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।