सबसे बड़ा डायनासोर के जीवाश्म मिले रायसेन में
रायसेन-दुनिया के बैज्ञानिक डायनासोर की खोज में लगे हुए हैं और नर्मदा बेली इनके निवास स्थान रहें हैं कलयुग की गंगा कहलाने माँ नर्मदा नदी के किनारे रहस्मय बस्तुए छुपी हुयी हैं दुनिया के बैज्ञानिक डायनासोर की खोज में लगे हैं बहीं विश्व का सवसे बड़ा डायनासोर रायसेन जिले के नर्मदा नदी के किनारे ग्राम पतई के सिद्धघाट पर मिला हैं यहाँ पर आधा दर्जन डायनासोर के जीवशम होने का दावा किया हैं तो बहीं उड़ने बाले डायनासोर के पंखे का जीवाश्म भी मिला हैं। प्राचीन मांसाहारी विशव का सबसे बड़ा डायनासोर जिसकी लम्बाई 25 फिट पाई गई है ।साथ में २ अंडे मिले है । ३ कि. मी. लम्बाई में एक दर्जन से अधिक डायनासोर ,और अधिक तादात में कंकाल फैले हैं ।सिदरा आर्कियोलाजी इन्वायमेंट एंड नर्मदा बेली के पुराताव्बेता वसीम खान और नर्मदा कालेज होशंगाबाद कि 6 सदस्यी टीम ने विशाल डायनासोर कि खोज कि हैं बही उड़ने वाले डायनासोर और उसी समय के सायकस पौधा एवं फल के जीवाश्म मिले हैं वसीम खान के अनुसार सायकस के फल डायनासोर का मुख्य भोजन था और इसी कि पतियों से अन्डो को ढक कर रखते थे पुरातत्ववेता डॉ वसीम खान के साथ होशंगबाद महाविद्यालय से आएं डॉ शाह वनस्पति शास्त्र डॉ रवि उपाध्याय जन्तुशास्त्र विशेषज्ञ सहित 6 सदस्यी टीम ने इनको चिन्हित भी किया।दुनिया के विज्ञानिक जिस की खोज में जूटे हैं बहीं यहाँ पर पड़े जीवाशमो को संरक्षित करने से मप्र सरकार कोशो दूर हैं । ईनाडु इंडिया हिंदी की टीम ने सबसे पहले इसे दिखाना चाहती हैं।नर्मदा श्रद्धालु इन्हें पत्थर समझ कर इनको घरो में जातें हैं और पत्थरो को रखकर उनपर भोजन पकाते हैं ।