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नोटबंदी को लेकर विपक्ष की ओर से श्वेतपत्र की मांग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद जनता से रूबरू होकर स्थिति स्पष्ट करेंगे। 31 दिसंबर की शाम वह राष्ट्र के नाम संबोधन में नोटबंदी के बाद जनता के मन में उठ रहे सवालों का जवाब देंगे।
काला धन पर वार का भी जिक्र करेंगे और यह भी बताएंगे कि नए नोटों को लेकर स्थिति पूरी तरह सामान्य होने में बहुत लंबा वक्त नहीं है। इस बीच, बैंकों में शुक्रवार तक ही पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोट जमा किए जा सकेंगे।
अपने संबोधन के दौरान मोदी डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए कुछ घोषणाएं भी कर सकते हैं। उनके भाषण में यह भी जिक्र होगा कि उन्होंने 50 दिन का वक्त मांगा था। वह पूरा हुआ तो हालात बदलने लगे हैं।
आठ नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में ही उन्होंने नोटबंदी का एलान किया था। इस बीच पूरी राजनीति इसी के आसपास सिमटी रही। खुद प्रधानमंत्री ने कई रैलियों में इसका जिक्र किया।30 दिसंबर को वह दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में डिजिधन मेला में भी होंगे, जहां डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए लॉटरी निकाली जाएगी। जाहिर तौर पर प्रधानमंत्री वहां भी कुछ कहेंगे। लेकिन 31 दिसंबर को औपचारिक रूप से पूरी स्थिति बयां होगी।
नोटबंदी को सफल बनाने के लिए भाजपा के साथ-साथ सरकारी तंत्र भी लगातार काम कर रहा था। वे लोग जनता के बीच उठ रहे सवालों का जवाब भी दे रहे थे। पार्टी और सरकार के पास इसका पूरा फीडबैक है। अब मोदी नए नोटों की उपलब्धता, निकासी की सीमा, कारोबार की स्थिति, अर्थव्यवस्था की वर्तमान और भावी दिशा जैसे कई सवालों का जवाब दे सकते हैं।
मोदी इसका एलान भी कर सकते हैं कि आधार लिंक के साथ लेनदेन करने वाले व्यापारी को हर ट्रांजेक्शन पर 10 रुपये की छूट मिलेगी। वह बताएंगे कि डिजिटल लेनदेन भी जीवन में बदलाव लाएगा। ऐसी कुछ अन्य घोषनाएं भी शामिल हो सकती हैं। इसी में प्रधानमंत्री बेनामी संपत्ति पर वार की भी बात करेंगे।
नोटबंदी तो मुख्य मुद्दा होगा लेकिन साल के आखिरी संबोधन में वह पूरे वर्ष की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का भी जिक्र कर सकते हैं। सर्जिकल स्ट्राइट भी इसका हिस्सा होगा और कूटनीति भी।
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