पत्रकार राजीव सोनी
पत्रकार राजीव सोनी

सामाजिक सरोकारों का शालीन पत्रकार

महेश दीक्षित 

प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और नवदुनिया के वरिष्ठ संवाददाता राजीव सोनी अलग अंदाज और मिजाज के पत्रकारों में शुमार हैं। सरल, मृदुभाषी और मिलनसारिता की वजह से सरकार कहो या प्रशासन में, उनका वृहद पीआर है। राजीव ने वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र माथुर के मार्गदर्शन में पत्रकारिता की बारीकियां सीखीं। राजीव का मानना है कि पत्रकारिता एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए आप समाज को नई दिशा दे सकते हैं। 22 फरवरी 1963 को सागर में जन्मे राजीव बताते हैं कि उन्हें पत्रकारिता के प्रति रुझान यूनिवर्सिटी में आने के बाद ही बढ़ा। इसके बाद सागर विश्वविद्यालय में पत्रकारिता पाठ्यक्रम शुरू हुआ, तो 1985 में औपचारिक डिग्री हासिल कर ली। इसके बाद पत्रकारिता में हर दिन कुछ न कुछ नया सीखने का सिलसिला चलता रहा। 1985 में नवभारत टाइम्स एवं यूनीवार्ता दिल्ली में रहकर बतौर ट्रेनी खूब रिपोर्टिंग कीं। इस दौरान कई बड़े पत्रकारों के सानिध्य में काम किया। उनका मानना है कि वरिष्ठों के मार्गदर्शन में जो काम किया जाता है, वह आपको खुद ही दूसरों से अलग कर देता है। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर और गवर्नमेंट मल्टीपरपज हायर सेकंडरी स्कूल सागर से शिक्षा हासिल करने वाले राजीव तीन दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। इसके अलावा राजीव पत्रकारिता में एमजे एवं बैचलर ऑफ मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म, एमफिल(समाजशास्त्र), बीएससी (अपराध शास्त्र एवं मानवशास्त्र), योग साइंस में डिप्लोमा हैं। राजीव बताते हैं कि शुरू से बैडमिंटन में रुचि रही, पर पत्रकारिता का रोमांच चित्त पर हर वक्त हावी रहा। राजीव ने 1987 में नईदुनिया, इंदौर से पत्रकारिता की शुरुआत की। अपने समय के धुर संपादक और सुयोग्य पत्रकार अभय छजलानी, राजेंद्र माथुर, मदन मोहन जोशी, उमेश त्रिवेदी और गिरीश उपाध्याय के साथ खूब काम किया। उनके सानिध्य में अपनी पत्रकारिता को निखारा और रिपोर्टिंग को नए तेवर दिए। राजीव दो दशक से भोपाल संस्करण (अब नवदुनिया) में काम कर रहे हैं। वर्ष 1992, 2004 और 2016 में उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ कवरेज की रिपोर्टिंग के लिए उन्हें खूब वाहवाही मिली। शुरुआत में कुछ वर्षों तक नईदुनिया में रीजनल डेस्क के समन्वय का काम देखा। इस दौरान लोकसभा एवं विधानसभा का चुनाव कवरेज भी किया। इसके साथ राजीव राजनीतिक, विधानसभा, सीबीआई, आयकर एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ बीट पर काम करते रहे हैं। इन बीट का उन्हें मर्मज्ञ रिपोर्टर कहा जाता है। राजीव को पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए 2016 का रामेश्वर गुरु पत्रकारिता सम्मान के साथ कई पुरस्कार मिल चुके हैं। राजीव कहते हैं कि पत्रकारिता में सामाजिक सरोकार होना चाहिए। समाज को जनप्रतिनिधियों से कहीं अधिक अब पत्रकारिता से उम्मीद है। इसलिए पत्रकारिता अब पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है।

Dakhal News 23 November 2016

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