Patrakar Priyanshi Chaturvedi
पटना में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक महिला आयुष डॉक्टर का नकाब हटाने की घटना ने देशभर में तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है। 15 दिसंबर 2025 को हुए इस कार्यक्रम में जब डॉ. नुसरत परवीन मंच पर पहुंचीं, तो सीएम ने अचानक उनका नकाब हटा दिया, जिससे वे सार्वजनिक रूप से असहज हो गईं। इस घटना को महिला की गरिमा और निजी स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए राजनीतिक और सामाजिक हलकों में कड़ी आलोचना हो रही है।
इसी बीच मशहूर गीतकार जावेद अख्तर का बुर्के और नकाब पर दिया गया बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। SOA लिटरेरी फेस्टिवल 2025 में उन्होंने सवाल उठाया था कि चेहरे में ऐसा क्या है जिसे ढकने की जरूरत पड़े और क्या महिलाएं अपने चेहरे से शर्मिंदा हैं। अख्तर ने इसे व्यक्तिगत पसंद से ज्यादा सामाजिक दबाव और ‘ब्रेनवॉश’ का परिणाम बताया, जिसके बाद उनकी टिप्पणी भी बहस के केंद्र में आ गई।
जावेद अख्तर ने यह भी स्पष्ट किया कि वे शालीनता के पक्षधर हैं, लेकिन यह नियम पुरुषों और महिलाओं दोनों पर समान रूप से लागू होना चाहिए। दूसरी ओर, नीतीश कुमार की कार्रवाई और अख्तर की टिप्पणी ने धार्मिक स्वतंत्रता, महिला अधिकार और व्यक्तिगत पसंद को लेकर नई बहस छेड़ दी है। इस पूरे घटनाक्रम ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि सार्वजनिक मंचों पर सत्ता और समाज को व्यक्तिगत विकल्पों की कितनी सीमा तक दखल देनी चाहिए।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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