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मध्यप्रदेश में दो दशक पुराने फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ है। एसटीएफ ने जांच के बाद एफआईआर दर्ज की है, जिसमें 34 शिक्षकों के फर्जी डीएड मार्कशीट के आधार पर भर्ती होने की पुष्टि हुई है। इनमें से 20 शिक्षक इंदौर और सांवेर में पदस्थ हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार जिले में कुल 80 ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल की। यह पूरा खेल एक संगठित गिरोह द्वारा वर्षों से चलाया जा रहा था, जो फर्जी अंकसूचियों के आधार पर संविदा शिक्षक की नियुक्ति कराता था और बाद में विभागीय संविलयन के जरिए इन्हें स्थायी पद दिलवाता था।
व्हिसलब्लोअर गौरीशंकर राजपूत ने RTI के माध्यम से खुलासा किया कि कई शिक्षकों के एक ही रोल नंबर थे और उनकी मार्कशीट अन्य नामों की निकली। इसके बावजूद अफसरों ने नियुक्ति और संविलयन के समय दस्तावेजों की जांच नहीं की। लगभग छह महीने से मामले को दबाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन अब शिकायतकर्ता इसे हाईकोर्ट ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल से अंकसूची की सत्यापन रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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